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ग्राम ऊर्जा मॉडल से बदलेगा गांवों का चेहरा: यूपी सरकार की नई पहल से घरेलू गैस खर्च में 70% तक की कटौती संभव

लखनऊ, 16 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रामीण जीवन को आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। अब गांवों में रसोई गैस की निर्भरता को कम करने के लिए “ग्राम ऊर्जा मॉडल” लागू किया जा रहा है, जिसके तहत बायोगैस संयंत्रों के माध्यम से घरेलू गैस की खपत में 70% तक की कमी लाई जा सकेगी।

इस योजना का उद्देश्य है कि हर गांव में गोबर जैसे जैविक स्रोतों का उपयोग करके बायोगैस तैयार की जाए, जिससे रसोई में LPG की जगह स्वदेशी गैस का प्रयोग हो सके। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि ग्रामीण परिवारों के मासिक खर्च में भी भारी कमी आएगी।

✅ योजना के प्रमुख लाभ:

🌿 70% तक LPG खपत में कमी, जिससे घरों का गैस खर्च घटेगा

🧑‍🌾 स्थानीय रोजगार सृजन, योजना को मनरेगा से जोड़ा जाएगा

🐄 गोबर से खाद, जिससे खेती के लिए जैविक उर्वरक भी मिलेगा

💰 आर्थिक आत्मनिर्भरता, गांवों में ऊर्जा का स्थानीय उत्पादन संभव होगा

सरकार ने पहले चरण में 43 गोशालाओं को चिन्हित किया है, जहाँ से बायोगैस प्लांट की शुरुआत होगी। इन संयंत्रों से प्राप्त बायोगैस स्लरी का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाएगा, जिससे खेती की लागत में भी कमी आएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“गांवों में जो संसाधन उपलब्ध हैं, उन्हीं को आधार बनाकर हम ऊर्जा की क्रांति लाएंगे। हमारा लक्ष्य है – आत्मनिर्भर गांव, स्वच्छ पर्यावरण और समृद्ध किसान।”

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