संत कुमारी हत्याकांड में दो दोषियों को आजीवन कारावास

– 30-30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया
– न चुकाने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
– जेल में बिताई गई अवधि सजा में होगी समाहित
सोनभद्र। करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित संत कुमारी हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अर्थदंड न देने की स्थिति में चार-चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं, दोनों आरोपियों की जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित माना गया है।
घटना का विवरण
अभियोजन के अनुसार, राजकुमार पुत्र अमृतलाल, निवासी कनहरा टोला मझौली, थाना ओबरा, ने 9 सितंबर 2020 को ओबरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बीते 8/9 सितंबर 2020 की रात उसकी बुआ संत कुमारी, जो शारीरिक रूप से विकलांग थीं, अपने दो बच्चों – सीता (10 वर्ष) और सूरज (5 वर्ष) के साथ घर में सोई थीं। रात लगभग 1:30 बजे सीता लघुशंका के लिए बाहर गई तो पहले से घात लगाए बैठे गांव के सैफुद्दीन पुत्र इसहाक और बब्बू उर्फ मोहम्मद कलाम पुत्र मोहम्मद शरीफ ने घर में घुसकर संत कुमारी पर हमला कर दिया।
जब सीता ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो आरोपियों ने उसका भी गला दबाने का प्रयास किया। किसी तरह जान बचाकर सीता भागी और शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। आरोपी संत कुमारी की हत्या कर मौके से फरार हो गए। घटना के प्रत्यक्षदर्शी खुद शिकायतकर्ता समेत गांव के कई लोग थे।
इस आधार पर पुलिस ने हत्या समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। पर्याप्त साक्ष्य एकत्र होने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
अदालत का फैसला
मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात सैफुद्दीन व बब्बू उर्फ मोहम्मद कलाम को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सरकारी पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी श्री विनोद कुमार पाठक ने प्रभावशाली ढंग से पैरवी की।