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पथरी उपचार में उपयोगी औषधीय पौधा ‘पत्थरचट्टा’, अनेक रोगों के इलाज में कारगर

सब तक एक्सप्रेस | बीकानेर | रिपोर्टर – विशेष संवाददाता

प्राकृतिक औषधियों में रुचि रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। ‘पत्थरचट्टा’ नामक एक हर्बल पौधा अब कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोगी सिद्ध हो रहा है, विशेष रूप से गुर्दे की पथरी के इलाज में इसके प्रभाव को आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित किया गया है।

श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय, बीकानेर के वनस्पति विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कांटिया ने बताया कि पत्थरचट्टा — जिसे वैज्ञानिक रूप से Bryophyllum pinnatum कहा जाता है — एक बहुउपयोगी औषधीय पौधा है, जो मूत्रवर्धक, सूजनरोधी, एंटीसेप्टिक और रोगाणुरोधी गुणों से भरपूर है।

पथरी तोड़ने में सहायक

डॉ. कांटिया के अनुसार, पत्थरचट्टा में मौजूद फेनोलिक्स, फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे यौगिक गुर्दे की पथरी को तोड़ने और मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में सहायक होते हैं। संस्कृत में इसे “पाषाणभेद” कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “पत्थर को तोड़ना”। इसमें मौजूद मूत्रवर्धक तत्व गुर्दे की सफाई में अत्यंत सहायक माने जाते हैं।

अनेक बीमारियों में लाभकारी

पत्थरचट्टा न केवल पथरी में, बल्कि मधुमेह, गठिया, श्वसन समस्याएं, त्वचा रोग, अल्सर, लीवर संबंधित रोगों में भी उपयोगी माना जाता है।

इसके पत्तों से निकला रस कफ निकालने में सहायक होता है।

घाव भरने, सूजन कम करने और दर्द निवारण में भी इसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में लंबे समय से होता आ रहा है।

इसमें मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक यौगिक मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर

पत्थरचट्टा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ-साथ अनेक बायोएक्टिव यौगिक भी पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाते हैं।

घरेलू नुस्खों में उपयोग

इसके पत्तों को पीसकर घाव पर लगाना, चाय में मिलाकर सेवन करना या रस बनाकर पीना – ये सब पारंपरिक नुस्खे अब वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित होते जा रहे हैं। पत्थरचट्टा के अर्क से बने सिरप, जेल या हर्बल कैप्सूल का उपयोग भी स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।

निष्कर्ष

वर्तमान में, जब एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, पत्थरचट्टा जैसे पौधे प्राकृतिक उपचार की ओर लौटने का भरोसेमंद विकल्प बनते जा रहे हैं। आयुर्वेद और जैविक चिकित्सा को अपनाने वालों के लिए यह पौधा वरदान साबित हो रहा है।

सब तक एक्सप्रेस पाठकों को सुझाव देता है कि किसी भी औषधीय पौधे का सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।

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📰 सब तक एक्सप्रेस | बीकानेर

 

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