
✍🏻 रिपोर्ट: राकेश जैन | सब तक एक्सप्रेस
टाइम बैंक ऑफ इंडिया, उदयपुर चैप्टर द्वारा आयोजित एक विशेष पिकनिक कार्यक्रम में प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाने की प्रेरणा मिली। इस आयोजन में 65 युगल दम्पतियों ने भाग लिया और स्वस्थ जीवन जीने की कला को व्यवहारिक रूप में आत्मसात किया।
🌿 दिन की शुरुआत सुबह 8 बजे हर्बल पेय से हुई, जिसके बाद कार्यक्रम स्थल समग्रं इको पिरामिड आश्रम, उदयपुर में आश्रम के संरक्षक एवं IFS अधिकारी डॉ. एन.सी. जैन द्वारा लाफ्टर थेरेपी, नेती क्रिया, मड थेरेपी, योग, आंख-कान-नाक-गर्दन संबंधित व्यायाम तथा संगीत के साथ जल योग कराए गए। प्रतिभागियों ने पहली बार वॉटर थेरेपी, मड ट्रीटमेंट और प्राकृतिक आहार का सीधा अनुभव लिया।
🗣️ अपने उद्बोधन में डॉ. एन.सी. जैन ने कहा, “प्राकृतिक जीवनशैली और बिना दवाओं के उपचार संभव है, यदि हम कुदरत से जुड़ें और अपक्व, नैसर्गिक भोजन को अपनाएं।”
🎙️ उसी अवसर पर आयोजित मासिक मीटिंग में टाइम बैंक ऑफ इंडिया के नेशनल गवर्निंग काउंसिल सदस्य एवं उदयपुर प्रभारी एम.के. माथुर ने बताया कि टाइम बैंक एक अनूठी सेवा संस्था है जहाँ पैसा नहीं, समय जमा किया जाता है और बुजुर्गों व असहायों की सेवा की जाती है। उदयपुर चैप्टर में अब तक लगभग 500 घंटे सेवा कार्य संपन्न हो चुका है।
👥 प्रो. विमल शर्मा (मीडिया प्रभारी) ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत पेसिफिक मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एम. जी. वार्ष्णेय द्वारा 30 नए सदस्यों के उपरणा ओढ़ाकर स्वागत से हुई।
🎓 इंटर्नशिप कर रही इंजीनियरिंग छात्रा लक्षिता देवपुरा ने बताया कि वह पिछले दो महीनों से टाइम बैंक से जुड़ी हैं और इस अनुभव ने बुजुर्गों के प्रति उनके दृष्टिकोण को पूर्णतः सकारात्मक और सम्मानजनक बना दिया है।
🥗 कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा प्राकृतिक आहार, जिसे प्रो. कल्पना जैन, डॉ. प्रज्ञा सांखला और जाह्नवी के निर्देशन में बिना गैस जलाए पूरी तरह अपक्व और पोषण से भरपूर रूप में प्रस्तुत किया गया – ग्रीन जूस, नाश्ता और स्वास्थ्यवर्धक लंच, जिसे सभी प्रतिभागियों ने अत्यंत उत्साह से ग्रहण किया।
📋 आयोजन की सफलता में योगदान देने वालों में प्रमुख रहे:
अनिल कुमार गुप्ता (एडमिन), लोकेश चंद्र पारख, कपूर चंद जैन, के.के. शर्मा (सिटी एडमिन), आशा पांडे (अखिल भारतीय साहित्य परिषद), आर.पी. शर्मा, बी.एल. कुमावत, सुदर्शन पुरी गोस्वामी, ललित कुमार पारेख, एवं इंटर्न लक्षिता देवपुरा।
🧭 यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य जागरूकता का प्रतीक बना, बल्कि समर्पण, सेवा और सादगीपूर्ण जीवन शैली के प्रति लोगों में नई चेतना भी जागृत कर गया।