
संवाददाता – राम अनुज धर द्विवेदी, सब तक एक्सप्रेस
घोरावल (सोनभद्र), सब तक एक्सप्रेस।
श्रावण मास के तीसरे रविवार को शिवभक्ति का महासागर उमड़ने वाला है। अनुमान है कि इस बार 50 हजार से अधिक कांवरिया श्रद्धालु शिवद्वार मंदिर में पवित्र गंगाजल से जलाभिषेक करेंगे। श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत यह कांवर यात्रा क्षेत्रीय संस्कृति की अनुपम छटा प्रस्तुत कर रही है।
शुक्रवार से ही मध्यप्रदेश के मिसिरगवा, घोघरा, बगदरा, चितरंगी, गोहटिवा, खटाई, चितावल, लोहना, शिवपुरवा, चिकनी, केवटली आदि गांवों से हजारों कांवरियों का जत्था घोरावल कस्बा पहुंचा। श्रद्धालुओं ने जोगिया कपड़े, कांवर, सजावटी सामग्री, गंगाजल भरने के लोटे और खाने-पीने का सामान खरीदा। इस दौरान पूरा कस्बा ‘बोल बम’ के जयघोष से गूंज उठा।
कांवर यात्रा के लिए पहुंचे भक्त पिकअप, जीप और अन्य वाहनों से नगर में प्रवेश करते देखे गए। युवाओं के साथ महिलाएं और बच्चे भी आस्था से सराबोर होकर इस कठिन यात्रा में शामिल हो रहे हैं। श्रद्धालुओं का काफिला मीरजापुर के बरियाघाट से गंगाजल लेकर लगभग 70 किलोमीटर की यात्रा तय कर शिवद्वार मंदिर पहुंचेगा।
शुक्रवार की शाम तक बरियाघाट पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी। मीरजापुर शहर व देहात सहित सोनभद्र और मध्यप्रदेश के कांवरियों की बड़ी भीड़ घाटों पर देखी गई। अनुमान है कि अब तक 30 हजार से अधिक कांवरिया गंगाजल भरकर यात्रा पर निकल चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जलाभिषेक रविवार सुबह से ही शुरू हो सकता है, क्योंकि भीड़ नियंत्रण व श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। शिवद्वार मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।
यह कांवर यात्रा केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, अनुशासन और परंपरा का जीवंत उदाहरण बन चुकी है।
संवाददाता — राम अनुज धर द्विवेदी, सब तक एक्सप्रेस