
सब तक एक्सप्रेस स्वास्थ्य विशेष रिपोर्ट
सीकर | स्वास्थ्य संवाददाता
आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में चमत्कारी रूप से उपयोग की जाने वाली सफ़ेद मूसली को ‘दिव्य औषधि’ और ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता है। श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कांटिया के अनुसार, सफेद मूसली (वैज्ञानिक नाम: Chlorophytum tuberosum) औषधीय गुणों से भरपूर एक दुर्लभ जड़ी-बूटी है, जो यौन शक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता और पाचन तंत्र को मजबूत करने में अत्यंत उपयोगी है।
➤ मूसली के प्रमुख औषधीय लाभ:
🔹 यौन शक्ति और प्रजनन स्वास्थ्य: सफेद मूसली एक प्राकृतिक कामोत्तेजक के रूप में काम करती है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन दुर्बलता को दूर कर शक्ति और इच्छा को बढ़ाती है।
🔹 गठिया और सूजन में राहत: इसमें मौजूद सैपोनिन्स और सूजन-रोधी तत्व जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक हैं।
🔹 शारीरिक सहनशक्ति: मांसपेशियों के विकास और स्टैमिना बढ़ाने में उपयोगी। एथलीट भी इसका सेवन करते हैं।
🔹 पाचन और वजन नियंत्रण: इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और तृप्ति की भावना उत्पन्न कर अधिक खाने से रोकता है।
🔹 मधुमेह और हार्मोन संतुलन: यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है और तनाव संबंधी हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।
🔹 स्तनपान और शिशु पोषण: नई माताओं में दूध बढ़ाने में उपयोगी होती है।
🔹 त्वचा व बालों की देखभाल: इसके एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की उम्र बढ़ने से रोकते हैं और बालों को मजबूत बनाते हैं।
🔹 हृदय व गुर्दा सुरक्षा: यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और मूत्रवर्धक गुणों से शरीर को विषाक्त तत्वों से मुक्त करती है।
डॉ. कांटिया के अनुसार, सफेद मूसली का वैज्ञानिक व पारंपरिक दोनों दृष्टिकोणों से अध्ययन इसे एक बहुउपयोगी जीवनदायिनी औषधि के रूप में स्थापित करता है।
📌 नोट: मूसली का उपयोग किसी आयुर्वेदाचार्य या विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।
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रिपोर्ट: सब तक एक्सप्रेस टीम | सीकर