
संवाददाता | सब तक एक्सप्रेस | आरा, बिहार
बिहार के आरा जिले के जमईनिया गांव में गंगा नदी का विकराल रूप तबाही बनकर टूटा है। तेज़ कटाव की वजह से लगभग पूरा गांव नदी की धारा में समा गया है। सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं, उनकी ज़िंदगी भर की पूंजी – घर, खेत, सामान – सब कुछ पानी में बह गया। गांव की गलियों में अब सिर्फ़ दर्द और मलबा बाकी है।
ऐसे कठिन और संवेदनशील समय में कर्तव्य निस्वार्थ सेवा संस्थान की टीम ने मानवीयता का परिचय देते हुए पीड़ितों के बीच पहुंचकर राशन, कपड़े, और आवश्यक सामग्री का वितरण किया। संस्था का आदर्श वाक्य – “सेवा ही धर्म है” – इस आपदा के समय में साकार होता नजर आया।
संस्थान के सदस्यों ने पीड़ितों की पीड़ा को न सिर्फ़ समझा बल्कि उनके दुख को साझा करने का संकल्प लिया। गांव में राहत सामग्री बांटते हुए उन्होंने कहा,
“हमारा प्रयास है कि कोई भूखा न सोए और हर ज़रूरतमंद तक मदद पहुंचे। मानवता के इस धर्म में हम सबकी भागीदारी आवश्यक है।”
संस्थान ने सभी समाजसेवियों, संगठनों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे आगे आकर बाढ़ पीड़ित परिवारों की मदद करें और इस कठिन घड़ी में एकजुट होकर मानवता का साथ निभाएं।