
रिपोर्टर – शिंभू सिंह शेखावत, वॉइस ऑफ़ मीडिया, राजस्थान
जयपुर। राजस्थान की पूर्व अशोक गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उसने पिंक सिटी प्रेस एनक्लेव (नायला) योजना के नाम पर प्रदेश के 1109 पत्रकारों से ₹10,000-₹10,000 लेकर लगभग ₹110 लाख की राशि जमा करवाई, लेकिन आवास आवंटन तो दूर, पैसे तक वापस नहीं किए गए।
मीडिया कर्मियों का कहना है कि 1 अक्टूबर 2023 को गांधी जयंती के दिन, रविवार के अवकाश पर, आनन-फानन में योजना की घोषणा की गई और बिना सार्वजनिक सूचना दिए पत्रकारों से ड्राफ्ट बुक करवा लिए गए। बाद में 5 अक्टूबर को आदेश देकर प्रक्रिया रोक दी गई, लेकिन जमा राशि वापस नहीं की गई।
जेडीए ने रेरा में शपथ पत्र देकर दावा किया कि पत्रकारों से कोई अग्रिम राशि नहीं ली गई, जबकि पत्रकारों के पास जमा राशि की रसीदें मौजूद हैं। सवाल उठ रहा है कि अगर जेडीए ने पैसा नहीं लिया, तो यह ₹110 लाख आखिर गए कहां?
वर्ष 2010 में भी पिंक सिटी प्रेस एनक्लेव योजना के तहत 571 पत्रकारों को भूखंड आवंटित हुए थे, जिनका कब्जा अब तक नहीं मिला है, जबकि हाई कोर्ट ने आवंटन करने के आदेश दिए थे।
पत्रकार अब इस मुद्दे पर जेडीए कार्यालय पर धरना देने की तैयारी में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले की जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे। मीडिया कर्मियों का कहना है कि यदि वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्रवाई नहीं की, तो दिल्ली कूच किया जाएगा।