कुलियों की आजीविका संकट दूर करे सरकार : राष्ट्रीय कुली मोर्चा

संवाददाता – सब तक एक्सप्रेस
लखनऊ। रेलवे के आधुनिकीकरण और निजीकरण के चलते देशभर में कुलियों के सामने गंभीर आजीविका संकट खड़ा हो गया है। इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कुली मोर्चा ने भारत सरकार और रेल मंत्रालय से ग्रुप-डी में नौकरी, नियमित रोजगार, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाएं, वर्दी, विश्राम गृह जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सुनिश्चित करने की मांग की है।
राष्ट्रीय कुली मोर्चा के आह्वान पर आज देशभर के कुलियों ने सभी मंडलों में डीआरएम को पत्रक सौंपा। यहां तक कि नागालैंड और त्रिपुरा जैसे सुदूरवर्ती राज्यों में भी कुलियों ने अपनी मांग दर्ज कराई। लखनऊ में हजरतगंज स्थित उत्तर रेलवे कार्यालय पर भी कुली प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपा।
मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने बताया कि रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय ने कुलियों की रोजगार और सामाजिक सुरक्षा संबंधी समस्याओं की जांच के लिए सभी डीआरएम को नौ बिंदुओं पर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था, लेकिन कई जगह जांच शुरू ही नहीं हुई। वहीं धनबाद और भुसावल जैसे मंडलों में बिना कुलियों से संवाद किए ही रिपोर्ट भेज दी गई, जो सरासर अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि संसद में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव द्वारा कुलियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चलने का दावा किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। कुलियों के बच्चों की शिक्षा का प्रबंध नहीं है, इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड तक नहीं बने हैं और विश्राम गृहों की स्थिति भी बदतर है।
मोर्चा का कहना है कि गरिमामय जीवन हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को कुलियों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें अंधकारमय भविष्य से बचाना चाहिए।
आज के कार्यक्रम का नेतृत्व विभिन्न राज्यों में रमेश ठाकुर, अनिल सांवले, राजकुमार यादव, शेख रहमतुल्लाह, चंदेश्वर मुखिया, रामबाबू बिलाला, राम महावर, कलीम मकरानी, डी.के. गुजाशाय, सुवरेटा देशबंधु, संजय पासवान, सुभाष यादव, राजकृष्ण कुशवाह, दिगम्बर यादव, सुरेंद्र यादव, जयलाल भगत, अरुण कुमार यादव, जलील अहमद, दिनेश मुखिया, रामपाल, उमेश शर्मा, राहुल कुमार, भारत भूषण, शिवराम सहित कई नेताओं ने किया।