
सब तक एक्सप्रेस विशेष रिपोर्ट
उदयपुर। बरसात के मौसम में फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं। मंगलवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच. बामनिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी-पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक, बीपीएम, एलएचवी, सेक्टर हेल्थ सुपरवाइजर और एएनएम शामिल हुए।
डॉ. बामनिया ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि किसी भी क्षेत्र में मौसमी बीमारियों की रोकथाम में कोताही पाई जाती है तो संबंधित चिकित्सक और बीसीएमओ पर कार्रवाई होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि—
- खंड स्तर पर कंट्रोल रूम और रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाए।
- एएनएम और आशा कार्यकर्ता घर-घर सर्वे कर प्रतिदिन रिपोर्ट जिला स्तर पर भेजें।
- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में सोर्स रिडक्शन, एंटी लार्वा और फॉगिंग जैसी गतिविधियां नियमित हों।
- जनता को जागरूक करने के लिए आईईसी गतिविधियों पर जोर दिया जाए।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि बरसात के कारण गांवों में पानी इकट्ठा हो जाता है, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावना बढ़ती है। उन्होंने निर्देश दिए कि—
- ग्रामीणों को पानी जमा न होने देने के लिए जागरूक किया जाए।
- चिकित्सा संस्थानों पर मच्छरदानी युक्त वार्ड स्थापित हों और दवाओं की कोई कमी न रहे।
- नदी-नालों का पानी पीने योग्य न होने की जानकारी लोगों को दी जाए।
- सभी प्रकरणों की एक्शन टेकन रिपोर्ट समय पर जिला स्तर पर भेजना सुनिश्चित किया जाए।
डॉ. बामनिया ने कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रकोप होता है तो उसकी जिम्मेदारी सीधे खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी की होगी।
✍ संवाददाता — सब तक एक्सप्रेस