बीजेपी–कांग्रेस के बाद अब गोंगपा भी मैदान में, पनपथा बना सियासी अखाड़ा

✍ ब्यूरो चीफ – राहुल शीतलानी, सब तक एक्सप्रेस
उमरिया। पनपथा पिहरी प्रकरण को लेकर अब सियासत और गरमा गई है। जंगल विभाग की कार्रवाई और निर्दोष आदिवासियों की गिरफ्तारी ने पूरे जिले की राजनीति को हिला दिया है। पहले बीजेपी और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आपत्ति दर्ज कराई थी और अब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) ने भी खुला मोर्चा खोल दिया है।
गोंगपा ने ऐलान किया है कि सोमवार, 8 सितंबर को पनपथा एसडीओ कार्यालय का घेराव किया जाएगा। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलने वाले इस एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन की कमान गोंगपा जिला अध्यक्ष आरपी कोल संभालेंगे। उनके साथ जिलेभर के पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के जुटने की संभावना है। कोल ने बताया कि इस आंदोलन की सूचना प्रदेश नेतृत्व को भी भेज दी गई है और कयास लगाए जा रहे हैं कि गोंगपा के बड़े नेता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं।
गोंगपा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि वे बड़ी संख्या में पहुंचकर सरकार और विभाग को कड़ा संदेश दें। पार्टी नेताओं का कहना है कि जब तक निर्दोष आदिवासियों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रहेगा।
गौरतलब है कि पार्क प्रबंधन ने हाल ही में पिहरी तोड़ने के मामले में दर्जनभर आदिवासियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी कार्रवाई के बाद से यह मुद्दा लगातार राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस पहले ही सरकार को घेर चुकी हैं और अब गोंगपा की एंट्री से पनपथा का यह विवाद सियासी अखाड़ा बन गया है।