नगर पालिका-परिषद अध्यक्ष को अब सीधे जनता चुनेगी और वही हटाएगी — मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला

ब्यूरो रिपोर्ट — राहुल शीतलानी
सब तक एक्सप्रेस
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय चुनावों को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मप्र नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश-2025 लाए जाने को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव महापौर की तर्ज पर प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानी अध्यक्ष को चुनने का अधिकार अब पार्षदों के पास नहीं, बल्कि सीधे जनता के पास रहेगा।
साल 2027 में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों से यह नई व्यवस्था लागू होगी। सरकार ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार के फैसले को पलटते हुए यह बदलाव किया है। गौरतलब है कि 2018 में कांग्रेस सरकार ने कानून बदलकर अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराया था। वर्ष 2022 के चुनावों में भी अध्यक्षों को पार्षदों ने ही चुना था।
अब अध्यक्ष को पद से हटाने की प्रक्रिया भी बदली गई है। यदि तीन-चौथाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो राज्य निर्वाचन आयोग “खाली कुर्सी-भरी कुर्सी” चुनाव कराएगा। इसमें जनता तय करेगी कि अध्यक्ष पद पर रहेंगे या नहीं।
प्रदेश में इस समय 99 नगर पालिकाएं और 298 नगर परिषद हैं। वर्ष 1999 से 2015 तक अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होता था। अब लगभग एक दशक बाद यह व्यवस्था दोबारा लागू होगी।
कैबिनेट की बैठक में एक और अहम निर्णय लिया गया — पुराना वाहन स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिक को नई गाड़ी खरीदने पर आरटीओ टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।