“कांट्रैक्ट पर पुलिस भर्ती होगी या नहीं? देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में स्पष्ट रूप से बताया।”

मुंबई, 26 जुलाई: महाराष्ट्र में पुलिस भर्ती को अनुबंधित (कॉन्ट्रैक्ट) रूप में करने की खबरों के प्रकाशन के बाद विपक्षी दलों ने मानसून सत्र में सरकार पर निशाना साधा था। इस विवाद के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विधानमंडल में बयान दिया।
उन्होंने कहा कि “यह केवल अस्थायी व्यवस्था है, यह कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है।” मुंबई पुलिस बल में 10,000 सिपाही पद खाली हैं। सेवा निवृत्ति, अंतर-जिला स्थानांतरण और प्रतिवर्ष 1,500 पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन 2019, 2020 और 2021 में कोई भर्ती नहीं हुई। दुर्घटना, बीमारी और कोविड-19 के कारण 500 पुलिसकर्मियों का निधन हो गया।
राज्यभर में 14,956 सिपाही पद, 2,174 सिपाही चालक पद और एसआरपीएफ के पद भरने की मंजूरी दी गई है। इसके लिए 18,331 पदों पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मुंबई पुलिस में 7,076 सिपाही पद और 994 पुलिस चालक पद भरे जाएंगे। इन पदों के भर जाने के बाद भी कुछ पद खाली रहेंगे।
मुंबई पुलिस में सिपाही पदों की भर्ती प्रक्रिया और प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद वास्तविक कर्तव्यों के लिए पुलिसकर्मी उपलब्ध होने में 1.5 से 2 वर्ष का समय लगेगा, ऐसा देवेंद्र फड़नवीस ने कहा। इसी कारण मुंबई पुलिस ने 3,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की उपलब्धता की मांग की।
इस अनुरोध के अनुसार महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा महामंडल से 3,000 कर्मियों को वास्तविक भर्ती अवधि या 11 महीने (जो भी कम हो) के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है। इन 3,000 कर्मियों द्वारा केवल सुरक्षा और गार्ड की जिम्मेदारियाँ निभाई जाएंगी; कानून प्रवर्तन और जांच का कार्य पुलिस को ही सौंपा जाएगा।
देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्ट किया कि यह 3,000 कर्मियों का बल केवल अस्थायी रूप से है और मुंबई पुलिस के नियमित सिपाही उपलब्ध होने पर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। पहले भी महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा महामंडल के जवानों द्वारा केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक स्थलों में सुरक्षा की व्यवस्था की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 18,000 लोगों की भर्ती की जा रही है। कोरोना काल में पुलिस भर्ती न होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। प्रशिक्षण की व्यवस्था बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। बढ़ते खतरों के अनुसार कुछ पदों को अनुबंधित पद्धति से भरना आवश्यक है क्योंकि नए-नए खतरे लगातार सामने आ रहे हैं। पुलिस कभी भी पूरी तरह अनुबंधित नहीं हो सकती।
इस अवसर पर शिवसेना ठाकरे समूह के विधायक अनिल परब ने सुझाव दिया कि पुलिस बल से सेवानिवृत्त हुए योग्य लोगों को ऐसे मंडलों में लिया जाना चाहिए। देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि अनिल परब के सुझाव पर विचार किया जाएगा।