नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ आस्था का महापर्व ‘छठ’
आज 25 अक्टूबर 2025: व्रतियों ने लिया चार दिवसीय कठिन व्रत का संकल्प

संवाददाता – सब तक एक्सप्रेस
लोक आस्था का महापर्व छठ आज शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को ‘नहाय-खाय’ के साथ श्रद्धा और पवित्रता के माहौल में शुरू हो गया। व्रती महिलाओं और पुरुषों ने सुबह से ही पवित्र नदियों, तालाबों और जलाशयों में स्नान कर अपने शरीर और मन को शुद्ध किया।
सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का यह पर्व उत्तर भारत के सबसे पवित्र और अनुशासित पर्वों में गिना जाता है। नहाय-खाय के दिन व्रतियों ने स्नान के बाद अपने घरों और रसोई की विशेष सफाई कर वातावरण को पूर्ण रूप से सात्विक बनाया।
🌿 यह है नहाय-खाय की परंपरा
- पवित्र स्नान: व्रती प्रातःकाल गंगाजल या पवित्र नदी में स्नान कर अपने जीवन में पवित्रता का संकल्प लेते हैं।
- व्रत का संकल्प: स्नान के उपरांत छठी मैया और भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना कर चार दिवसीय कठिन व्रत का संकल्प लिया जाता है।
- सात्विक भोजन: व्रती इस दिन केवल एक बार शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इस ‘नहाय-खाय प्रसाद’ में अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू (लौकी) की सब्जी शामिल होती है, जिसे सेंधा नमक और घी में बिना लहसुन-प्याज के बनाया जाता है।
इसी के साथ व्रतियों की चार दिनों की आस्था-यात्रा शुरू होती है, जो आने वाले दिनों में और भी कठोर और भावनात्मक रूप ले लेती है।
आगे के कार्यक्रम
- 26 अक्टूबर (रविवार): खरना (लोहंडा)
- 27 अक्टूबर (सोमवार): संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
- 28 अक्टूबर (मंगलवार): उषा अर्घ्य और पारण (उगते सूर्य को अर्घ्य एवं व्रत का समापन)
🌞 घाटों पर उमंग और तैयारी
शहर के सभी छठ घाटों पर साफ-सफाई और सजावट का कार्य पूरा हो चुका है। प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था की विशेष तैयारियाँ की गई हैं। महिलाएं मिट्टी के चूल्हों पर प्रसाद बनाने की तैयारी में जुट गई हैं।
छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्वच्छता, प्रकृति और सामाजिक एकता का भी संदेश देती है।
— ✍️ संवाददाता, सब तक एक्सप्रेस



