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मतदान केंद्रों पर सुबह 9 बजे तक 13% मतदान दर्ज किया गया।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 — बदलाव का आह्वान, वोट करें और भविष्य तय करें!

बिहार की धरती पर फिर से लोकतंत्र का महापर्व आरंभ हो चुका है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 121 सीटों पर पहले चरण का मतदान आज हो रहा है। यही वह क्षण है जब जनता को अपनी ताकत दिखानी है, अपने अधिकार का प्रयोग करना है और अपने राज्य की दिशा तय करनी है।

1. वोट करें, लोकतंत्र को मज़बूत करें!

सुबह 9 बजे तक 13.13% मतदान दर्ज किया जा चुका है। लोग अपने घरों से निकलें, मतदान केंद्रों पर पहुँचें और लोकतंत्र को सशक्त करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं मतदान कर जनता से अपील की — “वोट करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।”
आप भी पीछे न रहें, हर वोट मायने रखता है।

2. बदलाव चाहें तो मतदान करें!

लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार के साथ वोट डालकर जनता को संदेश दिया — “तवा पर रोटी को पलटते रहना चाहिए, वरना जल जाएगी।”
इस वाक्य में एक गहरी सीख है — सत्ता को बदलते रहना चाहिए ताकि लोकतंत्र जीवंत रहे। अगर 20 साल बहुत हो गए हैं, तो अब युवाओं की सरकार को मौका दें। तेजस्वी यादव ने युवाओं से कहा — “अब बिहार को नए जोश और नई दिशा की ज़रूरत है।”
इसलिए, बिहारवासियों! अपनी आवाज़ उठाएँ और मतदान के ज़रिए बदलाव लाएँ।

3. विश्वास रखें, एनडीए को मौका दें या चुनौती दें — लेकिन वोट ज़रूर दें!

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और चिराग पासवान ने जनता से अपील की है कि वे रिकॉर्ड मतदान करें। उन्होंने कहा कि “लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा — “बिहार के भाइयों-बहनों, लोकतंत्र के इस पर्व में पूरे उत्साह से भाग लें।”
वे आश्वस्त हैं कि एनडीए अभूतपूर्व बहुमत से लौटेगा।
अब यह आप पर है — अगर आप विकास में विश्वास करते हैं, तो वोट करें; अगर आप बदलाव चाहते हैं, तो भी वोट करें। मतदान ही सबसे बड़ा हथियार है।

4. युवाओं की आवाज़ बनें, तेजस्वी के वादे को परखें!

महागठबंधन इस चुनाव में जनता के असंतोष को भुनाने की कोशिश कर रहा है। तेजस्वी यादव ने युवाओं को केंद्र में रखकर “हर घर नौकरी” का वादा किया है। उन्होंने कहा — “1.3 करोड़ नौकरियाँ दूँगा।”
यह सपना तभी साकार होगा जब युवा अपने मत का प्रयोग करें।
अगर आप बेरोजगारी से परेशान हैं, तो मतदान करें। अगर आप प्रवास की पीड़ा झेल चुके हैं, तो वोट डालें। बदलाव की शुरुआत आपके वोट से ही होगी।

5. नीतीश कुमार पर भरोसा करें या उन्हें जवाब दें — फैसला आपका!

नीतीश कुमार 74 वर्ष की उम्र में भी एनडीए का चेहरा बने हुए हैं। भाजपा के नेताओं अमित शाह और जेपी नड्डा ने स्पष्ट कहा कि “नीतीश ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार रहेंगे।”
एनडीए विकास और सुशासन के नाम पर वोट मांग रहा है। लेकिन जनता को सोचना है — क्या पिछले वर्षों में रोजगार बढ़ा? क्या भ्रष्टाचार घटा? क्या शिक्षा और स्वास्थ्य सुधरे?
अगर नहीं, तो अब निर्णय लें — क्या उसी रास्ते पर चलना है या नया मार्ग अपनाना है।

6. कांग्रेस से सवाल करें, जन विश्वास माँगें!

कांग्रेस इस चुनाव में कमजोर कड़ी बन चुकी है। 2020 में वह पीछे रह गई थी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने जोश के साथ प्रचार शुरू किया, परंतु राहुल गांधी का लंबे समय तक अनुपस्थित रहना जनता को निराश कर गया।
अब जनता को तय करना है — क्या कांग्रेस अब भी विकल्प है?
अगर पार्टी को पुनर्जीवित करना है, तो कार्यकर्ता बनकर मैदान में उतरें, जनता के बीच जाएँ और अपने वोट के ज़रिए उसे ताकत दें।

7. प्रशांत किशोर — जन सुराज का नारा बुलंद करें या चुनौती दें!

प्रशांत किशोर ने राजनीति में उतरकर “जन सुराज” की स्थापना की है। उनका कहना है कि “हम या तो 10 सीटें जीतेंगे या 150 से अधिक।”
उन्होंने गठबंधन से दूरी बनाई और हर सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। वे भ्रष्टाचार, प्रशासनिक गिरावट और जनसेवा की कमी को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं।
अगर आप एक नई राजनीतिक सोच चाहते हैं, तो जन सुराज के उम्मीदवारों को सुनें, उनसे सवाल करें, फिर वोट करें।
अगर आपको लगता है कि बिहार को नई दिशा चाहिए — तो नई सोच को मौका दें।

8. मुद्दों पर वोट करें, जाति या धर्म पर नहीं!

चुनाव का असली मकसद विकास है।
इस बार भी पुराने मुद्दे हावी हैं — रोटी, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार।
तेजस्वी ने कहा — “हर घर से एक नौकरी।” एनडीए ने जवाब दिया — “राज्य की आर्थिक स्थिति इतनी नहीं कि ऐसा संभव हो।”
जनता को यह समझना होगा कि वादे सिर्फ शब्द नहीं होते, उन्हें अमल में लाने की जिम्मेदारी भी होती है।
इसलिए, जाति या धर्म नहीं, अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर वोट करें।

9. महिलाओं, युवाओं और किसानों से अपील!

महिलाएँ बिहार की ताकत हैं। एनडीए ने “लखपति दीदी” योजना दी है — हर महिला को आत्मनिर्भर बनाना इसका लक्ष्य है।
महिलाओं! अपने हक के लिए वोट करें, अपने सपनों के लिए वोट करें।
युवाओं! अगर रोजगार चाहिए, तो मतदान करें।
किसानों! अगर उपज का दाम चाहिए, तो वोट डालें।
हर वर्ग का भविष्य इसी मतदान पर निर्भर है।

10. बिहार के मध्य इलाकों में निर्णायक लड़ाई — भूमिका आपकी!

आज का मतदान मुख्यतः मध्य बिहार के क्षेत्रों में हो रहा है।
2020 में महागठबंधन ने यहाँ 121 में से 63 सीटें जीती थीं, जबकि एनडीए 55 पर सिमट गया था।
अब स्थिति फिर बदल सकती है। जो भी जनता का विश्वास जीत लेगा, वही पटना से लेकर सीमांचल तक सत्ता संभालेगा।
इसलिए, अपने गांव, अपने शहर और अपने राज्य की आवाज़ उठाएँ — घर से निकलें, मतदान करें।


जनता के नाम संदेश – आदेश नहीं, जिम्मेदारी समझें!

  1. वोट डालें और दूसरों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें।

  2. सोशल मीडिया पर सिर्फ बहस न करें, मतदान केंद्र तक पहुँचें।

  3. उम्मीदवारों से सवाल करें, लेकिन अपना कर्तव्य निभाना न भूलें।

  4. अपने वोट को बिकने न दें, उसे सोच-समझकर उपयोग करें।

  5. जो गरीब, असहाय या बुजुर्ग हैं — उन्हें मतदान केंद्र तक पहुँचने में मदद करें।


लोकतंत्र की रक्षा का समय है!

बिहारवासियों!
याद रखें — सरकारें बनती और गिरती रहती हैं, पर लोकतंत्र तभी टिकता है जब जनता जागरूक रहती है।
इस चुनाव में सिर्फ सरकार नहीं, बिहार का भविष्य दांव पर है।
अगर आपको विकास चाहिए — वोट करें।
अगर आपको भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए — वोट करें।
अगर आप अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और नौकरी का भविष्य देना चाहते हैं — वोट करें।

हर बूथ पर लाइनें लंबी हों, हर उंगली पर स्याही का निशान हो, यही सच्चे लोकतंत्र का उत्सव होगा।


अंतिम आह्वान:

बिहार! उठो, आगे बढ़ो और अपना हक़ जताओ।
मतदान से बड़ा कोई हथियार नहीं।
आज का वोट कल का भविष्य तय करेगा।
अपनी उंगली पर लगी स्याही को गर्व का प्रतीक बनाओ —
क्योंकि यह स्याही लोकतंत्र की आत्मा है।

“वोट करो, वोट करवाओ — बिहार का भाग्य बदलवाओ!”

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