राष्ट्रीय

दिल्ली धमाके ने जगाई चेतना, श्री श्री बोले—पढ़ाई ही शांति नहीं

दिल्ली में हुआ बम विस्फोट किसी चोट की तरह देश के मन पर लगा, और इस घाव की टीस जयपुर तक महसूस की गई, जहाँ युवा संगम कार्यक्रम में श्री श्री रविशंकर मंच पर उपस्थित थे। भीड़ में बैठे युवा उनके हर शब्द को सुनने के लिए शांत थे, और तभी उन्होंने एक गहरी सांस लेकर कहा—“यह घटना बेहद भयानक और खतरनाक है।” उनके शब्दों का कंपन माहौल में फैल गया।

उन्होंने आगे कहा कि इस विस्फोट ने एक बार फिर साबित किया है कि केवल पढ़-लिख लेना समाज में शांति नहीं ला सकता। कई बार ज्ञान का बोझ सिर पर होता है लेकिन मन खाली रह जाता है। चिकित्सक जैसे पेशे में काम करने वाला व्यक्ति, जिसे दूसरों की जान बचाने की जिम्मेदारी दी जाती है, वही यदि जानलेवा रास्ता चुन ले—तो यह हमारी शिक्षा की असफलता का प्रमाण है।

श्री श्री ने कहा—“केवल सूचनाएं इकट्ठी कर लेना शिक्षा नहीं है। किताबें जितना ज्ञान देती हैं, उससे कहीं अधिक शिक्षा व्यक्ति के भीतर संतुलन, करुणा और उदारता उत्पन्न करती है।”

उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह मन को विस्तृत करे, दृष्टि को शांत बनाए और व्यक्ति को भीतर से रोशन करे।

हाइलाइट्स:

  • घटना ने दिल दहला दिया

  • पढ़ाई में कमी नहीं, शिक्षा के उद्देश्य में कमी

  • सूचनाओं से नहीं, व्यक्तित्व से बनती है शांति

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