अलीगढ़उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ एयरपोर्ट विस्तार: जमीन अधिग्रहण को लेकर तैयारियां तेज

यूपी के जेवर में एयरपोर्ट विस्तार हेतु छह गांवों के भूमि अधिग्रहण का कार्य दिसंबर में शुरू होगा.

अलीगढ़ एयरपोर्ट के विस्तार की योजना से जुड़े छह गांव में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अब गति पकड़ रही है। प्रशासन ने आठ दिसंबर से 11 दिसंबर तक अलग-अलग स्थानों पर जनसुनवाई की तिथियां तय की हैं, ताकि ग्रामीण अपनी राय, सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकें।


जनसुनवाई के लिए तिथियां और स्थान निर्धारित

प्रशासन द्वारा निर्धारित तारीखों के अनुसार, आठ दिसंबर को पंचायतघर खानगढ़ी में ईकरी खानगढ़ी गांव की जनसुनवाई होगी। नौ दिसंबर को प्राथमिक विद्यालय बोरोना में पिखलौनी व निजामतपुर बोरोना की सुनवाई होगी। दस दिसंबर को अलहदादपुर में और 11 दिसंबर को उच्च प्राथमिक विद्यालय पनैठी में जनसुनवाई आयोजित की जाएगी।


रिपोर्ट व दस्तावेज सार्वजनिक उपलब्ध

एसडीएम कोल महिमा राजपूत ने जानकारी दी कि नागर विमानन विभाग और नागरिक उड्डयन अनुभाग-6 के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों की सामाजिक समाघात निर्धारण रिपोर्ट का प्रकाशन तथा जनसुनवाई अनिवार्य है। यह रिपोर्ट गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा द्वारा शासन से तय मानकों के अनुरूप तैयार की गई है। रिपोर्ट को कलक्ट्रेट के भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय, तहसीलदार कोल कार्यालय व संबंधित गांव के प्रधानों के पास देखा जा सकता है।


ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी रिपोर्ट उपलब्ध

जो लोग रिपोर्ट देखना चाहते हैं, वे इसे जिले की वेबसाइट www.aligarh.nic.in या नागरिक उड्डयन विभाग के पोर्टल www.aai.aero पर तुरंत देख सकते हैं। प्रशासन ने पब्लिक पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है।


ग्रामीणों से भागीदारी की अपील

एसडीएम ने बताया कि जनसुनवाई का उद्देश्य परियोजना के सामाजिक प्रभावों की जानकारी देना और सुझाव या आपत्तियां जुटाना है। प्रभावित क्षेत्र के सभी भूमि स्वामियों और ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे निर्धारित समय पर उपस्थित होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।


परियोजना का सामाजिक दृष्टिकोण

यह प्रक्रिया ग्रामीणों के विचारों को सामने लाने के लिए जरूरी है। जनसुनवाई से प्राप्त सुझाव और आपत्तियां अंतिम निर्णय में अहम भूमिका निभाएंगी।


पारदर्शी और सहभागी प्रक्रिया का प्रयास

अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जा रही है, ताकि कोई भी पक्ष अनसुना न रहे और स्थानीय लोगों को परियोजना के फायदों व प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके।

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