दुष्कर्म केस में बड़ा फैसला: आरोपी राजा सिंह उर्फ राजा बाबू की जमानत अर्जी खारिज

वरिष्ठ संवाददाता
राम अनुज धर द्विवेदी, सब तक एक्सप्रेस
सोनभद्र। आंगनबाड़ी में नौकरी लगवाने का झांसा देकर महिला से चार वर्षों तक जबरन दुष्कर्म करने और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देने के गंभीर मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी/सीएडब्ल्यू) अर्चना रानी की अदालत ने आरोपी राजा सिंह उर्फ राजा बाबू की जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी।
मामले का विवरण
दुद्धी कोतवाली क्षेत्र की पीड़ित महिला ने 15 मई 2025 को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि वर्ष 2020 से आरोपी राजा सिंह नौकरी लगवाने का लालच देकर लगातार उसका शोषण कर रहा था।
11 दिसंबर 2020 को वह पहली बार ससुराल में अकेली होने पर उसके घर आया और झांसा देकर दुष्कर्म किया। इसके बाद कई बार शोषण करता रहा और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देता था।
8 अप्रैल 2025 को पीड़िता के बेटे को फोन कर भी धमकी दी गई कि उसकी मां “जैसा कहा जाए वैसा करे तभी नौकरी लगेगी।”
पीड़िता भय के कारण अपनी बहन के घर चली गई, लेकिन 26 अप्रैल 2025 को आरोपी 3–4 लोगों के साथ वहां पहुंचा और असलहा दिखाकर उससे सादे कागज पर जबरन लिखवा लिया कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहती है।
9 मई 2025 को भी आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी थी।
मामले की एफआईआर दर्ज होने के बाद से आरोपी जिला कारागार में निरुद्ध है।
अदालत का फैसला
जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अदालत ने अपराध को गंभीर प्रकृति का मानते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष से सरकारी वकील सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं अधिवक्ता अरुण कुमार सिंघल ने बहस की।



