
राजस्थान के अजमेर से कोटा रूट पर चलने वाली एक रोडवेज बस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सरकारी बस का ड्राइवर सिर्फ सफेद रंग की शॉर्ट्स पहनकर बस चला रहा है, जबकि बस के अंदर तेज आवाज में बॉलीवुड का रोमांटिक गाना बज रहा था। वीडियो में दिख रही ये लापरवाही यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का एक बड़ा उदाहरण है।
इस वायरल वीडियो में बस ड्राइवर पारसमल स्टीयरिंग संभालते समय न केवल बिना कपड़ों के है, बल्कि उसे भोजन करते हुए भी देखा गया, जो सीधे ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है। बताया जा रहा है कि पारसमल अक्सर बिना बनियान या यूनिफॉर्म के बस चलाता था। यह ड्राइविंग के मूूल नियमों और सरकारी सेवा की मर्यादा दोनों का उल्लंघन है।
जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैलना शुरू हुआ, तो लोगों ने इस पर नाराजगी जताई और रोडवेज प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की। वीडियो की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान रोडवेज मुख्यालय ने तत्काल ड्राइवर को निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान उसे केवल जीविका भत्ता मिलेगा और राजसमंद डिपो से संबद्ध रखा जाएगा।
रोडवेज कार्यकारी निदेशक ने बयान जारी करते हुए कहा कि ऐसी हरकतें सरकारी सेवा की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और यात्रियों की जान जोखिम में डालती हैं। यह सिर्फ अनुशासनहीनता नहीं बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। अजमेर डिपो के मुख्य प्रबंधक रवि शर्मा ने भी इसे एक गंभीर मामला बताते हुए जांच टीम गठित की और आश्वासन दिया कि ड्राइवर के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
घटना सामने आने के बाद सवाल यह भी उठ रहा है कि यह सब कब से चलता रहा और किस कारण इसे पहले नहीं रोका गया। क्या अन्य कर्मचारी या अधिकारी इस सब से अनजान थे? सोशल मीडिया वीडियो ने इस प्रशासनिक लापरवाही को साफ उजागर कर दिया है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि तकनीक के इस दौर में कोई भी गैरजिम्मेदारी छिपी नहीं रह सकती। जनता ने इसे यात्रियों की सुरक्षा और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता दोनों का मजाक बताया। कुछ ने इसे ‘नया ट्रेंड’ कहते हुए व्यंग्य भी किया, जबकि कई ने इसे गंभीर अपराध करार दिया।
इस मामले से यह भी साफ होता है कि सरकारी सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सख्त नियम और निरंतर निगरानी जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा किसी भी स्थिति में सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। रोडवेज प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आगे से ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।



