सहकारिता विभाग विकास की नई ऊँचाइयों पर : मंत्री सुरेश खन्ना

सब तक एक्सप्रेस | विशेष संवाददाता – शैलेन्द्र यादव।
लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष–2025 एवं 72वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के समापन अवसर पर बुधवार को सहकारिता भवन, लखनऊ में उत्तर प्रदेश सहकारी यूनियन लिमिटेड एवं राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम में सहकारिता क्षेत्र के विस्तार, राष्ट्रीय सहकार नीति पर चर्चा और महिलाओं–युवाओं को सहकारी उद्यमिता से जोड़ने पर फोकस रहा।
गोष्ठी में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर, आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता योगेश कुमार, पीसीयू अध्यक्ष सुरेश गंगवार, यूपीआरएनएसएस अध्यक्ष प्रेम सिंह शाक्य समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
योगी सरकार में सहकारिता की ऐतिहासिक प्रगति : सुरेश खन्ना
मुख्य अतिथि सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि 2017 से पहले सहकारिता विभाग की स्थिति कमजोर थी, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह विभाग तेजी से उन्नति की राह पर है।
उन्होंने बताया:
- सहकारी बैंक अब लाभ में कार्य कर रहे हैं
- पूंजी संग्रहण में भारी वृद्धि हुई
- सहकारी समितियों के 50 लाख सदस्यों ने 500 करोड़ रुपये की राशि जमा की है
- ग्रामीण क्षेत्रों में खाद वितरण, पीडीएस, धान–गेहूँ खरीद जैसे कार्यों में सहकारिता की भूमिका मजबूत हुई है
उन्होंने कहा, “साख ही अर्थव्यवस्था का आधार है। सहकारिता की साख बढ़ने से बैंकों की स्थिति भी सुदृढ़ हुई है।”
सहकारिता जनविश्वास का आधार : जे.पी.एस. राठौर
राज्यमंत्री जे.पी.एस. राठौर ने कहा कि सहकारिता एक जनांदोलन है, जिसने प्रदेश में व्यापक वित्तीय सुधार किए हैं।
उन्होंने बताया:
- 50 लाख से अधिक नए लोग सहकारिता से जुड़े
- दो चरणों के सदस्यता अभियान में कुल 52 लाख सदस्यों का जुड़ना
- 650 करोड़ रुपये किसानों द्वारा जिला सहकारी बैंकों में जमा करना
- गोदामों का आधुनिकीकरण, कंप्यूटरीकरण और खाद वितरण में डिजिटल व्यवस्था का विस्तार
उन्होंने इसे किसानों के भरोसे और सहकारी संस्थाओं की बढ़ती विश्वसनीयता का बड़ा संकेत बताया।
युवा शक्ति को सहकारिता से जोड़ना प्राथमिकता : आयुक्त योगेश कुमार
आयुक्त योगेश कुमार ने भविष्य की योजनाएँ साझा करते हुए बताया कि:
- प्रदेश की 969 सहकारी समितियों में UPI QR कोड लागू किया जा चुका है
- शेष एम-पैक्स को भी QR कोड दिए जाएंगे
- आने वाले वर्षों में सभी समितियों को सौर ऊर्जा आधारित ढांचे से जोड़ा जाएगा
उन्होंने कहा कि यह पारदर्शिता बढ़ाने और विकसित भारत के लक्ष्य को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है।
एम–पैक्स बन रहे ग्रामीण सेवाओं का बड़ा केंद्र
प्रदेश में एम-पैक्स के माध्यम से विभिन्न सेवाओं का विस्तार हुआ है:
- 161 एम-पैक्स जन औषधि केन्द्र के रूप में
- 6515 पीएम किसान समृद्धि केन्द्र
- 5198 जन सुविधा केन्द्र
सीएससी ट्रांजैक्शन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
विशेषज्ञों के विचार और योजनाओं का विमोचन
कार्यक्रम में IIM के प्रो. क्षितिज अवस्थी ने राष्ट्रीय सहकार नीति के पाँच स्तम्भ—आधुनिकीकरण, सुशासन, क्षमता विकास, उद्यमिता और ग्रामीण विकास—पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
प्रो. अर्पणा सेंगर ने महिलाओं, युवाओं और कमजोर वर्गों को सहकारी उद्यमिता से जोड़ने की दिशा में सुझाव दिए।
इस दौरान:
- सहकारिता मासिक पत्रिका के विशेषांक का विमोचन
- 5 मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र
- दुर्घटना बीमा के तहत पात्रों को 50,000 रुपये के चेक
- नए लोगो एवं प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया।
गोष्ठी में सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी, विशेषज्ञ, प्रतिनिधि और बड़े पैमाने पर अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।



