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गांव–देहात से लेकर शहरों तक SIR प्रक्रिया पर भ्रम और रोष

जनप्रतिनिधि बोले, अव्यवस्था से आम जनता परेशान

विशेष संवाददाता : शैलेन्द्र यादव, सब तक एक्सप्रेस
लखनऊ सरकार की ओर से लागू की गई एसआईआर (SIR) प्रक्रिया को लेकर गांवों से लेकर शहरों तक भारी असंतोष और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने इसे पूरी तरह अव्यवस्थित, अपारदर्शी और जनता को कष्ट देने वाला कदम बताया है।

सुनील सिंह ने कहा कि आयोग द्वारा 96.22 प्रतिशत गणना प्रपत्र बांटने का दावा किया जा रहा है, जबकि जमीनी हालात इसके बिल्कुल उलट हैं। देश के कई हिस्सों से मिली रिपोर्टों के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक नागरिकों को अब तक गणना प्रपत्र मिले ही नहीं हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के दावों और वास्तविक हालात में भारी अंतर है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी कॉलोनियों तक लोग फॉर्म के लिए भटक रहे हैं। आम लोगों को बिना स्पष्ट दिशा-निर्देश के कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशान गरीब, मजदूर और वंचित वर्ग हैं जिन्हें अपनी पहचान से जुड़े कागज़ बनवाने में समय और पैसा दोनों बर्बाद करने पड़ रहे हैं।

सुनील सिंह ने कहा कि किसी भी सरकारी प्रक्रिया का उद्देश्य जनता को सुविधा देना होता है, न कि उन्हें भय, भ्रम और बोझ में धकेलना। उन्होंने सरकार से मांग की कि तुरंत स्थिति स्पष्ट की जाए, पारदर्शिता लाई जाए और जनता की परेशानी दूर करने के लिए कार्यवाही की जाए।

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