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कीर्तन ध्यान की सबसे सरल अवस्था : हरिओम तिवारी

राजधानी में रामकथा का पांचवां दिन सम्पन्न

सब तक एक्सप्रेस | लखनऊ

राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम (जलालपुर क्रॉसिंग, पारा रोड) स्थित चल रही श्रीरामकथा में बुधवार को पाँचवें दिन श्रद्धालुओं की बड़ी उपस्थिति रही। कथा व्यास राघवचरणानुरागी श्री हरिओम तिवारी ने अपने प्रवचन में कहा कि कीर्तन ध्यान की सबसे सरलतम अवस्था है, जो मन और मस्तिष्क को शुद्ध करने का सशक्त माध्यम है।

उन्होंने कहा कि आज मनुष्य मानसिक बोझ, तनाव और आलस्य से घिरता जा रहा है, क्योंकि उसके जीवन में सकारात्मक व आध्यात्मिक श्रवण की कमी हो गई है। “मस्तिष्क को शुद्ध रखने का सर्वोत्तम तरीका है — अच्छी कथाएँ, संत वचनों और भागवत कथा का श्रवण। जब मन प्रभु कथाओं से भरा रहेगा तो विकार स्वतः दूर हो जाएंगे, चेतना जागृत होगी और जीवन में आलस्य नहीं रहेगा।”

कथा व्यास ने ध्रुव, नारद और हनुमान जी के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि इन सभी महापुरुषों ने नाम संकीर्तन और कथा श्रवण को ही जीवन शुद्धि का सबसे आसान साधन माना। उन्होंने कहा कि सुनना भी एक बड़ी कला है — क्या सुनते हैं, यह व्यक्ति के जीवन की दिशा तय करता है।

युवाओं को संबोधित करते हुए हरिओम तिवारी ने कहा कि आज का युवा जब तक भागवत कथा और आध्यात्मिक वचनों का श्रवण नहीं करेगा, उसके जीवन में सही दिशा और चेतना का जागरण संभव नहीं है।

कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही और दर्शकों ने कथा के भक्तिमय वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।

सब तक एक्सप्रेस

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