
सब तक एक्सप्रेस | वाराणसी
वाराणसी। काशी की पवित्र भूमि पर 19 वर्षीय देवव्रत महेश रेखे ने ऐसा अद्वितीय आध्यात्मिक कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले ‘दण्डकर्म पारायणम्’ का 50 दिनों तक एक भी दिन अवरोधित हुए बिना सफलतापूर्वक पारायण किया है। इस अनुष्ठान में शामिल वैदिक ऋचाओं और पवित्र मंत्रों का उन्होंने पूर्ण शुद्धता, निष्ठा और नियमों के साथ उच्चारण किया।
भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में गहरी आस्था रखने वालों के लिए यह उपलब्धि प्रेरणा का स्रोत बन गई है। वैदिक साधना की यह निरंतर यात्रा न केवल देवव्रत की तपस्या का प्रमाण है, बल्कि गुरु परंपरा के उज्ज्वल स्वरूप को भी प्रदर्शित करती है।
काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवव्रत की इस ऐतिहासिक साधना पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि “युवा पीढ़ी में ऐसी तपस्या का उभार हमारी संस्कृति की मजबूती का संकेत है।” वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी देवव्रत को शुभकामनाएं देते हुए इसे काशी की आध्यात्मिक पहचान का गौरव बताया।

देवव्रत की इस 50 दिवसीय अखंड साधना के सफल समापन पर उनके परिवार, गुरुओं, संत-महात्माओं, मुनियों, वैदिक विद्वानों और देशभर की उन संस्थाओं को भी सम्मानपूर्वक याद किया जा रहा है, जिन्होंने इस तपस्या में सहयोग प्रदान किया।
काशी की धरती पर संपन्न यह वैदिक अनुष्ठान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।



