टॉप न्यूजपॉलिटिक्स

वित्तमंत्री का विपक्ष पर तीखा हमला, कहा- कांग्रेस ने देश की रक्षा को प्राथमिकता नहीं दी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने देश की रक्षा जरूरतों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने …और

 

HighLights

  1. कांग्रेस पर रक्षा आवश्यकताओं को गंभीरता से न लेने का आरोप
  2. सैनिकों के पास स्नो बूट तक नहीं थे: सीतारमण
  3. रक्षा क्षेत्र को मोदी सरकार ने दी उच्च प्राथमिकता

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने देश की रक्षा आवश्यकताओं को गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने संसद में स्वीकार किया था कि बजट की कमी के कारण वे जरूरी रक्षा उपकरण नहीं खरीद पा रहे थे। सीतारमण ने कहा, “कांग्रेस के शासन में सैनिकों के पास ऊंचाई वाले इलाकों में पहनने के लिए स्नो बूट तक नहीं थे।”

वित्त मंत्री ने क्या कहा?

उन्होंने 2013 की कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सेना के पास 17 दिन की तीव्र युद्ध क्षमता का भी पर्याप्त गोला-बारूद नहीं था और कुछ श्रेणियों में यह भंडार घटकर 10 दिन तक रह गया था।वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद रक्षा क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी गई। अधिक गोला-बारूद खरीदा गया, एक्सपायर स्टाक बदला गया और सैनिकों के लिए बुलेट-प्रूफ जैकेट्स की खरीद सुनिश्चित की गई।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता घटाई है। जहां पहले भारत भारी आयातक था, आज देश लगभग 25,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। राज्यसभा में ”स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025” पर बहस का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यह उपकर नागरिकों के स्वास्थ्य और देश की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र प्रदान करता है।

पान मसाला इकाइयों पर सेस लगाने वाला विधेयक संसद से पारित

संसद ने सोमवार को ‘स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी, जो पान मसाला निर्माण इकाइयों पर अतिरिक्त सेस लगाने का प्रविधान करता है। यह सेस राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के खर्च के लिए संसाधन बढ़ाने के उद्देश्य से लगाया जाएगा। राज्यसभा ने इस विधेयक को चर्चा के बाद वापस लोकसभा को भेज दिया, जहां पांच दिसंबर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

नया सेस जीएसटी से अलग होगा और इसे पान मसाला फैक्टरियों की मशीनों की उत्पादन क्षमता के आधार पर वसूला जाएगा।वर्तमान में पान मसाला, तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ मुआवजा सेस भी लगता है। मुआवजा सेस समाप्त होने पर जीएसटी दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगी। इसके अलावा तंबाकू पर उत्पाद शुल्क और पान मसाला पर नया सेस लगेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!