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लखनऊ। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष भव्य तरीके से मना रहा है। इसी अवसर पर 18 से 20 दिसंबर 2025 तक विश्वविद्यालय परिसर और कला मंडपम सभागार में त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगीत सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश-विदेश के ख्याति प्राप्त कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
उद्घाटन दिवस: 18 दिसंबर
उद्घाटन समारोह में गायन, वादन और नृत्य का संगम देखने को मिलेगा। सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्मभूषण पं. साजन मिश्रा उद्घाटन सत्र में गायन प्रस्तुत करेंगे। शाम में पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह के शिष्यों का विशेष नृत्य प्रदर्शन होगा। इसके बाद पद्मविभूषण उस्ताद अमजद अली खान अपने पुत्रों अयान अली बंगश और अमान अली बंगश के साथ सरोद वादन की प्रस्तुति देंगे।
19 दिसंबर: नृत्य, ताल और नाट्य
दूसरे दिन का पहला सत्र कथक को समर्पित रहेगा। कथक के दिग्गज कलाकार पं. राम मोहन महाराज, पं. जयकिशन महाराज, पं. दीपक महाराज और पं. त्रिभुवन महाराज विद्यार्थियों और शोधार्थियों से अपने अनुभव साझा करेंगे। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला वादक उस्ताद अकरम खान तबले की एकल प्रस्तुति देंगे।
शाम का सत्र नाट्य कला को समर्पित होगा, जिसमें पद्मश्री प्रो. वामन केंद्रे के दल द्वारा महाकवि भास की रचना पर आधारित नाटक “मोहे पिया” का मंचन किया जाएगा।
20 दिसंबर: सुर, ताल और नृत्य
अंतिम दिन के पहले सत्र में तबला वादक संजू सहाय तथा पद्मश्री शोवना नारायण अपनी प्रस्तुति और अनुभव साझा करेंगे। शाम के सत्र में पद्मश्री रंजना गौहर और उनकी शिष्याएं ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति देंगी। समापन समारोह में पद्मश्री हरिहरन अपनी गायकी और ग़ज़लों से कार्यक्रम को यादगार बनाएंगे।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने बताया कि वर्ष 2026 में चित्रकला और मूर्तिकला पर आधारित कार्यशालाओं सहित कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन ने कहा कि शताब्दी वर्ष पर विशेष कला वीथिका का निर्माण किया जा रहा है, जो विश्वविद्यालय की सौ वर्षीय यात्रा को प्रदर्शित करेगी।
यह समारोह लखनऊ के लिए एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक अवसर होगा, जहाँ भारतीय कला, संस्कृति और रचनात्मकता का अद्वितीय संगम दिखाई देगा।
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