
सब तक एक्सप्रेस, लखनऊ।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने अपनी लंबे समय से लंबित समस्याओं और मांगों पर नगर विकास विभाग स्तर पर बनी हालिया सहमति के बाद प्रस्तावित आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय में आदेश जारी न हुए तो मंत्री नगर विकास एवं प्रमुख सचिव से पुनः बैठक कर समाधान की मांग की जाएगी, अन्यथा 15 जनवरी 2026 के बाद किसी भी कार्यदिवस से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन कार्यबंदी के लिए कर्मचारी विवश होंगे।
महासंघ ने बताया कि निकाय कर्मचारियों की सेवा संबंधी अनेक मांगें कई वर्षों से नगर विकास विभाग और निदेशालय स्तर पर लंबित हैं, जिसके कारण कर्मचारियों को समय से लाभ नहीं मिल पा रहा। कई कर्मचारी 15–20 वर्ष की सेवा के बाद बिना किसी लाभ के सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिससे आर्थिक व मानसिक दोनों तरह की क्षति हो रही है।
महासंघ ने विशेष रूप से दो प्रमुख आदेशों के अनुपालन न होने पर नाराज़गी जताई—
- फरवरी 2016 का आदेश : प्रदेश भर में कार्यरत 315 कर्मचारियों के विनियमितीकरण का आदेश अब तक लागू नहीं हुआ।
- सितंबर 2021 का आदेश : तदर्थ/धारा 108 के कर्मचारियों के विनियमितीकरण का आदेश भी विभाग स्तर पर ठंडे बस्ते में है।
इसके अलावा छठे एवं सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप पदोन्नति, कैडर रिव्यू, पदनाम, वेतनमान, भत्ते और ढांचे के निर्धारण सहित कई मांगें वर्षों



