उत्तर प्रदेशटॉप न्यूजबड़ी खबरराज्यलखनऊ

सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम : अनीस मंसूरी

पीएमओ ने माना पसमांदा मुस्लिम समाज का सुझाव, आधार में जातीय विवरण पर दर्ज हुआ प्रस्ताव

सब तक एक्सप्रेस।

लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी की लंबे समय से की जा रही पहल को केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से संज्ञान में ले लिया है। जातिगत जनगणना कराए जाने और आधार कार्ड में जातीय विवरण दर्ज करने संबंधी सुझाव को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रिकॉर्ड पर दर्ज कर लिया है। इसे सामाजिक न्याय, समावेशी विकास और वंचित वर्गों के अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अनीस मंसूरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित पत्र में दिए गए सुझाव को विधिवत दर्ज कर लिया गया है। यह पत्र पीएमओ में तैनात उपनिदेशक पूर्णिमा प्रसाद द्वारा जारी किया गया है, जिसकी प्रतिलिपि पीएमओ, नई दिल्ली में कार्यरत अवर सचिव चन्द्र किशोर शुक्ला को भी भेजी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह विषय सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर संज्ञान में लिया गया है।

लंबे संघर्ष का परिणाम

पसमांदा मुस्लिम समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे अनीस मंसूरी के लंबे संघर्ष, सामाजिक प्रतिबद्धता और दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया है। उनका कहना है कि प्रामाणिक जातीय आंकड़ों के अभाव में न तो प्रभावी नीतियां बन पाती हैं और न ही सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ वंचित वर्गों तक पहुंच पाता है।

नई व्यवस्था से होने वाले संभावित लाभ

यदि जातिगत जनगणना और आधार कार्ड में जातीय विवरण दर्ज करने की व्यवस्था लागू होती है, तो इसके कई दूरगामी लाभ सामने आ सकते हैं—

  • सरकारी योजनाओं का सही लाभ: वास्तविक जरूरतमंदों की पहचान आसान होगी।
  • नीतियों में पारदर्शिता: फर्जी लाभार्थियों पर रोक लगेगी और नीतियां ठोस आंकड़ों पर आधारित होंगी।
  • शिक्षा व रोजगार में न्याय: पिछड़े और वंचित वर्गों की वास्तविक संख्या सामने आने से उनकी उचित हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी।
  • सामाजिक असमानता में कमी: लंबे समय से हाशिये पर रहे समुदायों की वास्तविक स्थिति उजागर होगी।

ऐतिहासिक पहल

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस सुझाव पर आगे ठोस और निर्णायक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रयास केवल पसमांदा समाज ही नहीं, बल्कि देश के सभी वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए सामाजिक न्याय की मजबूत नींव साबित हो सकता है।

सब तक एक्सप्रेस

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!