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स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए राहत, किस्तों में कर सकते हैं बिजली बिल का भुगतान

भभुआ में पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा। स्मार्ट मीटर में डेटा बिलिंग सर्वर पर स्वतः आ जाता है, जिससे मीटर रीडर की जरूरत नहीं होती। ऑनलाइन विपत्र प्राप्त कर सकते हैं और त्रुटि की संभावना कम होती है। यह दैनिक ऊर्जा खपत की जानकारी देता है, जिससे बिजली की बचत होती है। बकाया राशि को किस्तों में भुगतान करने की सुविधा है और नए कनेक्शन पर प्रतिभूति राशि नहीं ली जाती।

 विद्युत आपूर्ति प्रमंडल भभुआ के अधीन पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर का अधिष्ठापन किया जा रहा है एवं स्मार्ट मीटर के अधिष्ठापन के समय उपभोक्ताओं से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है।

विद्युत कार्यपालक अभियंता भभुआ शशिकांत कुमार ने बताया की स्मार्ट मीटर में डेटा स्वतः ही बिलिंग सर्वर पर आ जाता है जिससे रीडिंग के लिए मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ती है। स्मार्ट मीटर में ऑनलाइन के माध्यम से समय पर विपत्र प्राप्त कर सकतें हैं एवं मानव हस्तक्षेप नहीं होने से विद्युत विपत्र में त्रुटि की संभावना नहीं रहती है।

उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर के कारण बिलिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होने से उपभोक्ताओं के विद्युत विपत्र को समझने में सुविधा होती है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ता को दैनिक ऊर्जा खपत या राशि की कटौती की जानकारी वास्तविक समय में प्रदान करता है, जिससे उपभोक्ता अपने उपयोग की आदतों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और बिजली की बचत कर अपने विपत्र की राशि को कम कर सकतें हैं। साथ ही, वास्तविक समय डेटा की उपलब्ध होने से अधिक खपत करने वाले उपकरणों की पहचान कर सकतें हैं, जिससे बिजली बचत करने के उपाय ढूंढ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन से पूर्व विद्युत बकाया राशि को किस्तों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को बकाया राशि एक मुश्त जमा करने की वित्तीय भार से मुक्ति मिलती है। स्मार्ट मीटर द्वारा नए विद्युत संबंध स्थापित करने के लिए किसी भी प्रकार का प्रतिभूति राशि नहीं लिया जाता है। स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन उपरांत यदि डिमांड स्वीकृत भार से बढ़ जाता है तो उपभोक्ता को छह माह तक डिमांड शुल्क से राहत दी जाती है।

स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में सोलर पैनल अधिष्ठापन के उपरांत स्मार्ट मीटर को नेट मीटर में बदल दिया जाता है, जिससे उपभोक्ताओं का अलग से नेट मीटर खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। स्मार्ट मीटर से प्राप्त स्टीक और विस्तृत डेटा समस्याओं का समाधान जल्दी करने में मदद करता है। उपभोक्ता को मोबाइल एप के माध्यम से ही विपत्र प्राप्त हो जाता है तथा बिना कार्यालय गए अपने स्मार्ट मीटर का रिचार्ज भी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि त्रुटिरहित विपत्रीकरण से उपभोक्ताओं को विद्युत कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। स्मार्ट मीटर प्रणाली को पारदर्शी एवं सुलभ बनाता है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध होती है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर डिसकनेक्शन होने के उपरांत मीटर में लगे पुश बटन की मदद से बिजली चालू की जा सकती है। ऐसा करने पर 72 घंटे तक बिजली बाधित नहीं होगी। यह सुविधा माह में एक बार उपलब्ध होगी। विभाग द्वारा खपत संबंधित भ्रांति को दूर करने लिए चेक मीटर का अधिष्ठापन भी विभिन्न जगहों पर स्मार्ट मीटर के साथ किया जा रहा है, जिससे की स्मार्ट मीटर की शुद्धता को सत्यापित किया जा सके।

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