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लखनऊ/बांदा। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम के अंतर्गत पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) अभियान के तहत बांदा जनपद में मतदाता जागरण अभियान क्रमशः चलाया जा रहा है। इस अभियान की अगुवाई समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव नीलम गुप्ता द्वारा की जा रही है। उनके साथ विशेष आमंत्रित सदस्य श्याम बाबू खंगार भी अभियान को त्वरित गति से आगे बढ़ा रहे हैं।
नीलम गुप्ता ने कहा कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या और विविधताओं से भरे देश में प्रत्येक नागरिक का मत ही लोकतंत्र का मूल आधार है। मत का वास्तविक महत्व तभी सुनिश्चित हो सकता है, जब मतदाता सूची शुद्ध, अद्यतन और समावेशी हो।
उन्होंने बताया कि शहरीकरण, प्रवासन, मृत मतदाताओं के नाम, दोहरे पंजीकरण, अशिक्षा तथा तकनीकी कारणों से समय के साथ मतदाता सूचियों में कई प्रकार की त्रुटियां उत्पन्न हो जाती हैं। इन्हीं कारणों से विधि के अनुसार समय-समय पर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो जाता है।
नीलम गुप्ता ने जानकारी दी कि वर्ष 1951 से 2004 तक देश में कुल 8 बार विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा चुका है। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड में अंतिम एसआईआर 01 जनवरी 2003 को हुआ था, जबकि पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में यह प्रक्रिया 01 जनवरी 2002 को संपन्न हुई थी। कुछ राज्यों—असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड—में अंतिम गहन पुनरीक्षण 01 जनवरी 2005 को हुआ था।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार देश के अधिकांश हिस्सों में पिछले 21 वर्षों से गहन सत्यापन नहीं हुआ, जिससे 2025-26 के प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनसरोकारों से जुड़ा बनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
वर्तमान विशेष गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य घर-घर जाकर निर्वाचक नामावली का भौतिक सत्यापन करना है। इसके अंतर्गत बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) प्रत्येक घर पहुंचकर मतदाता की पहचान, निवास, पात्रता और वास्तविक उपस्थिति की पुष्टि करते हैं। यह प्रक्रिया सामान्य संक्षिप्त पुनरीक्षण की तुलना में कहीं अधिक व्यापक और सघन होती है।
नीलम गुप्ता ने बताया कि पीडीए अभियान की टीम घर-घर जाकर सत्यापन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है, ताकि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे और किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम सूची में शामिल न हो सके।
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