
सब तक एक्सप्रेस समाचार
जयपुर। संवाददाता।
राजधानी जयपुर के विश्वकर्मा थाना क्षेत्र से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम बढ़ारना, रोड नंबर 17 निवासी श्रवण लाल गुर्जर ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि पुलिस की मिलीभगत से भू-माफियाओं ने उनकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया और न्यायालय के स्टे ऑर्डर को फर्जी बताकर दरकिनार कर दिया। पीड़ित श्रवण गुर्जर ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें शीघ्र न्याय नहीं मिला तो वे आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
मामला क्या है?
परिवादी के अनुसार, खसरा नंबर 1067, 1068 और 1074 में स्थित उनकी करीब 3 बीघा 98 हेक्टेयर पुश्तैनी जमीन पर भू-माफियाओं ने फर्जी सरकारी समितियों के जरिए कब्जा कर लिया। श्रवण गुर्जर का कहना है कि उक्त भूमि पर माननीय न्यायालय ने 15 अक्टूबर 2025 तक स्टे ऑर्डर पारित किया हुआ है। इसके अलावा, जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा 24 जून 2016 को भी भूमि के नामांतरण संबंधी आदेश पारित किए गए थे।
पुलिस पर गंभीर आरोप
श्रवण गुर्जर का आरोप है कि विश्वकर्मा थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश की अनदेखी करते हुए भू-माफियाओं और फर्जी समितियों के पक्ष में अवैध निर्माण खड़ा करवाया। यहां तक कि उन्हें डरा-धमकाकर जमीन खाली कराने का प्रयास भी किया गया। आरोप यह भी है कि इस मामले में पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमा संख्या 249/17 में जांच अधिकारी ने फर्जीवाड़े को नजरअंदाज कर एफ.आर. (Final Report) लगाने की कोशिश की, जिसे बाद में न्यायालय ने खारिज कर दिया और श्रवण गुर्जर के पक्ष में आदेश दिया।
फर्जी समितियों का खेल
पीड़ित परिवार का कहना है कि “सेवा भारतीय समिति” और “विकास भवन गृह निर्माण सहकारी समिति” जैसे नामों से ब्लैकलिस्ट की गई समितियों ने भी फर्जी पट्टे जारी कर दिए हैं, जबकि इनका रजिस्ट्रेशन तक मान्य नहीं है। श्रवण गुर्जर ने बताया कि असली दस्तावेज भू-माफियाओं के पास नहीं हैं, सिर्फ फर्जी फोटोकॉपी के सहारे जमीन पर कब्जा कर लिया गया।
उच्च अधिकारियों को गुहार
श्रवण गुर्जर ने इस पूरे मामले की शिकायत उपमुख्यमंत्री, लोकायुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक तक से की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो एक आम किसान-खातेदार अपनी जमीन और न्याय के लिए कहां जाएगा।