उत्तर प्रदेशटॉप न्यूजदिल्लीपर्यावरणबड़ी खबरब्रेकिंग न्यूजराज्यराष्ट्रीय

दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा का कहर, अस्पतालों में बढ़े मरीज — 75% घरों में कोविड जैसे लक्षण

सब तक एक्सप्रेस, नई दिल्ली।

राजधानी दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से ‘जहर’ बन गई है। स्मॉग की मोटी चादर के बीच सांस लेना मुश्किल हो गया है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ, खांसी, गले में जलन और आंखों में खुजली वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

नागरिक संगठन लोकलसर्किल्स के सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे में शामिल 15,000 लोगों में से 75 फीसदी घरों में किसी न किसी सदस्य को कोविड, फ्लू या वायरल बुखार जैसे लक्षण पाए गए हैं। वहीं 42 फीसदी लोगों को गले में खराश या खांसी, 25 फीसदी को आंखों में जलन और 17 फीसदी को सांस फूलने की शिकायत है।

बुजुर्गों और बच्चों पर सबसे ज्यादा असर

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे, बुजुर्ग और पहले से फेफड़ों या दिल की बीमारी से ग्रसित लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। कई अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए अलग ओपीडी और वार्ड तक खोले गए हैं।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, इस समय अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी के मामले 30% बढ़ गए हैं।

दिवाली के बाद तेजी से बिगड़े हालात

साकेत स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि दीपावली के बाद से सौ फीसदी मरीजों की हालत और बिगड़ गई है। बढ़ते एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के कारण खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में परेशानी के मामले बढ़े हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि इस बार स्वस्थ लोग भी प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं।

बच्चों में बढ़े ब्रोंकाइटिस और एलर्जी के मामले

एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में बच्चों में लगातार खांसी, घरघराहट, एलर्जी और ब्रोंकाइटिस के मामले बढ़े हैं। कई बच्चे आंखों में जलन और नींद न आने जैसी दिक्कतों से भी जूझ रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले या एलर्जी से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

विशेषज्ञों की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे—

  • सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें
  • एन-95 मास्क का प्रयोग करें
  • खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
  • पर्याप्त पानी पिएं और आंखों को बार-बार धोएं

साथ ही विशेषज्ञों ने सरकार से GRAP (Graded Response Action Plan) के तहत सख्त कदम उठाने की मांग की है — जैसे पराली जलाने पर रोक, स्मॉग गन का उपयोग, और सड़कों की नियमित सफाई।

दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो राजधानी जल्द ही गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ सकती है।

— सब तक एक्सप्रेस, नई दिल्ली

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!