
सब तक एक्सप्रेस, लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से हो रही बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। धान की खड़ी फसलें खेतों में गिर गई हैं, जबकि कई जगहों पर कटी हुई फसलें भीगकर खराब होने की कगार पर हैं। आलू और गेहूं की बुवाई पर भी संकट गहराने लगा है।
इन हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अमले को फील्ड में सक्रिय कर दिया है। सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कराएं और प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए।
सीएम का निर्देश — “राहत में देरी बर्दाश्त नहीं होगी”
मुख्यमंत्री ने शनिवार को संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि आपदा के इस समय में किसानों को त्वरित राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित गांवों का मैदानी निरीक्षण करें, फसलों के नुकसान का सटीक आकलन करें और राहत राशि तुरंत वितरित कराएं।
सीएम योगी ने कहा, “किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी। किसी भी जिले में राहत कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
बारिश और हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें
पिछले दो दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत कई जिलों में तेज बारिश और आंधी के कारण तापमान में 7 से 8 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है।
धान, मक्का, दलहन और तिलहन की फसलें बुरी तरह प्रभावित हैं, जबकि सब्जियों के खेतों में जलभराव से फसलें सड़ने लगी हैं।
कई जगहों पर किसानों ने बताया कि उन्होंने धान काटकर खेत में सूखने को छोड़ा था, लेकिन लगातार बूंदाबांदी ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
शासन ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी निर्देशों में कहा गया है कि जिलों में राजस्व, कृषि और आपदा प्रबंधन विभागों की संयुक्त टीम नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट शासन को भेजें।
साथ ही प्रभावित किसानों को राजस्व संहिता के तहत मुआवजा और बीमा क्लेम दिलाने की प्रक्रिया भी तत्काल शुरू की जाए।
प्रदेश सरकार ने सभी अफसरों को हिदायत दी है कि किसानों की मदद में कोई देरी न हो और राहत कार्यों की निगरानी खुद जिलाधिकारी करें।
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