लखनऊ में सेमिनार: अंधराष्ट्रवाद की आड़ में मीडिया की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

लखनऊ। सब तक एक्सप्रेस | शैलेन्द्र यादव।
करण सिंह सभागार में नागरिक अधिकारों को समर्पित पाक्षिक अखबार ‘नागरिक’ द्वारा “अंधराष्ट्रवाद और मीडिया” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जन संगठनों और प्रगतिशील चिंतकों ने भाग लिया।
सेमिनार का संचालन रोहित ने किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूर्व संपादक कॉमरेड नगेंद्र की स्मृति में रखा गया है। रोहित ने अपने संबोधन में बताया कि वैश्विक पूंजीवादी संकट के समय अंधराष्ट्रवाद दुनिया भर में बढ़ रहा है और भारत में यह प्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध नफरत फैलाने का माध्यम बनती जा रही है।

कार्यक्रम के वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सत्ता से जुड़ी ताकतें बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक हिंसा जैसी वास्तविक समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए अंधराष्ट्रवादी नैरेटिव को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया का बड़ा हिस्सा जनता की आवाज बनने के बजाय सत्ता और पूंजी के हितों को साधने में जुट गया है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए गंभीर खतरा है।
सेमिनार की अध्यक्षता कुलदीप नाथ शुक्ल, देवेन्द्र पाण्डेय, वंदना चौबे, डी.सी. मौर्य और रोहित ने संयुक्त रूप से की।
कार्यक्रम में गौरव सिंह, अजय आसुर, राधेश्याम, व्यास मुनि तिवारी, सरिता, परमानंद, रामजी सिंह, मोनिका, राम रतन, राम नरेश, मृदुलेश और बृजपाल सहित कई प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे।
बरेली से आए प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच के सदस्यों ने क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में ऊर्जा और उत्साह भर दिया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, संस्कृतिकर्मी और पत्रकार उपस्थित रहे।



