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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ईडी की कुर्की कार्रवाई के राजनीतिक और कानूनी निहितार्थ

ईडी द्वारा ₹61.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क किए जाने के साथ यह मामला केवल एक वित्तीय घोटाला नहीं रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए एक परीक्षण बन गया है।
कानूनी दृष्टि से, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत ‘अपराध से अर्जित संपत्ति’ (Proceeds of Crime) पर लक्षित है। एजेंसी का दावा है कि यह संपत्ति शराब सिंडिकेट की अवैध कमाई से खरीदी गई।
यदि अदालत में यह सिद्ध हो जाता है, तो यह राज्य की अब तक की सबसे बड़ी PMLA कुर्की में से एक होगी।
राजनीतिक दृष्टि से, यह कदम विपक्ष के लिए हथियार और सत्ताधारी दल के लिए चुनौती बन गया है। ऐसे मामलों में अक्सर कानून और राजनीति के बीच महीन रेखा धुंधली पड़ जाती है — सवाल यह नहीं कि “कौन दोषी है”, बल्कि यह कि “कानून की पकड़ कितनी निष्पक्ष है।”



