
विशेष संवाददाता : शैलेन्द्र यादव, सब तक एक्सप्रेस
लखनऊ। ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति के तत्वावधान में चिनहट स्थित “सनातन धाम लॉन” में मासिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अगुआई कर रहीं सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि इस माह का सामूहिक सुंदरकांड महायज्ञ 28 नवंबर को हरिद्वार के पावन स्थल हर की पौड़ी और 29 नवंबर को रुड़की के प्रतिष्ठित शिव मंदिर में दोपहर 12 बजे आयोजित होगा।
“सुंदरकांड सुंदर समाज की नींव”
सपना गोयल ने कहा कि नियमित सुंदरकांड का पाठ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सुंदर, संतुलित और सकारात्मक समाज का आधार है।
उन्होंने बताया कि सुंदरकांड पाठ से हनुमान जी की कृपा मिलती है, जिससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, मानसिक शांति बढ़ती है और परिवारों में सद्भाव आता है।
अयोध्या ध्वजारोहण ने बढ़ाया महत्व
उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण के बाद इस आयोजन का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
उनके अनुसार यह ध्वजारोहण सनातन युग के नए अध्याय और वैश्विक स्तर पर भारतीय जागृति का प्रतीक है।
इसी प्रेरणा से “सुंदरकांड महाअभियान—भारत वर्ष की बने पहचान” के तहत सैकड़ों मातृशक्तियां हरिद्वार और रुड़की में जुटेंगी।
पीतांबर का संकल्प
सपना गोयल ने कहा कि अभियान में मातृशक्तियों द्वारा धारण की जाने वाली पीले रंग की साड़ी (पीतांबर) केवल परिधान नहीं, बल्कि संकल्प, संयम और भक्ति का प्रतीक है।
उन्होंने कहा—
“पीतांबर ज्ञान, पवित्रता और सेवा का संदेश देता है। इसी भावना से सुंदरकांड का पाठ समाज में सकारात्मकता की स्थापना करता है।”
“वोकल फॉर लोकल” का संदेश
संगोष्ठी में सपना गोयल ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश दोहराया।
इस दौरान मातृशक्तियों ने उत्साह से नारा लगाया—
“दूध, दही मट्ठा थाली में… पेप्सी, कोकोकोला नाली में!”
एक साल में राष्ट्रीय पहचान बना अभियान
सपना गोयल ने बताया कि लखनऊ के झूलेलाल वाटिका से शुरू हुआ सुंदरकांड महाअभियान सिर्फ एक वर्ष में राष्ट्रीय—अंतरराष्ट्रीय पहचान बन गया है।
बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के—
- 10 मार्च 2024 को झूलेलाल घाट पर 5,000 से अधिक मातृशक्तियों ने सामूहिक सुंदरकांड किया।
- इसके बाद नैमिषारण्य, कोटद्वार के सिद्धबली मंदिर, काशी विश्वनाथ परिसर, मथुरा कृष्ण जन्मभूमि, और प्रयागराज लेटे हुए हनुमान मंदिर में भी सफल आयोजन हुए।
- अयोध्या जन्मभूमि परिसर में सितंबर 2024 से मासिक सामूहिक सुंदरकांड का सिलसिला जारी है।
सपना गोयल ने कहा कि यह अभियान अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोगों को भारतीय संस्कृति, संत परंपरा और भक्ति के मार्ग से जोड़ने का कार्य कर रहा है।



