
वरिष्ठ संवाददाता: राम अनुज धर द्विवेदी, सब तक एक्सप्रेस।
सोनभद्र। करीब साढ़े आठ वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने शुक्रवार को दोषी विनोद कुमार जायसवाल को 20 वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अमित वीर सिंह की अदालत ने दोषी पर 65 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर उसे तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि उसकी सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड की राशि में से 50 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, रायपुर थाना क्षेत्र के पीड़िता के पिता ने 28 जनवरी 2017 को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उनकी 14 वर्षीय बेटी को विनोद कुमार जायसवाल, पुत्र रामेश्वर प्रसाद जायसवाल, निवासी डोमरिया (थाना रामपुर बरकोनिया) बहला-फुसलाकर भगा ले गया। काफी खोजबीन के बाद भी लड़की का पता नहीं चल सका। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और साक्ष्य मिलने पर अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की।
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस, 10 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद विनोद कुमार जायसवाल (35) को दोषी मानते हुए 20 वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने प्रभावी बहस की।



