जयपुर

राजस्थान में आयोजित भारत-यूके संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वॉरियर-25’ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें दोनों देशों के 240 सैनिकों ने भागीदारी की।

सामरिक साझेदारी की मिसाल

राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की रेत में एक बार फिर इतिहास लिखा गया। भारत और यूनाइटेड किंगडम की सेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बहुप्रतीक्षित संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वॉरियर-25’ का सफल समापन एक महत्वपूर्ण सामरिक कदम साबित हुआ। यह अभ्यास न केवल दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करता है, बल्कि आतंकवाद-विरोधी अभियानों में आधुनिक तकनीकों और रणनीतियों के उपयोग को भी एक नई दिशा देता है।


अभ्यास का उद्देश्य: आधुनिक युद्ध कौशल का विकास

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं को आधुनिक युद्ध कौशल और आतंकवाद-रोधी अभियानों की संयुक्त रणनीति से सुसज्जित करना था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा परिभाषित परिदृश्यों के आधार पर शहरी क्षेत्रों में विशेष अभियानों का सिमुलेशन किया गया, जिसमें आतंकियों के ठिकानों की तलाश, उन्हें घेरना और ध्वस्त करना शामिल था।


240 सैनिकों का चयनित दल: तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन

अभ्यास के आठवें संस्करण में भारत और ब्रिटेन की सेनाओं के कुल 240 चयनित सैनिकों ने हिस्सा लिया। इनमें भारतीय सेना की प्रसिद्ध सिख रेजिमेंट और ब्रिटिश सेना की रॉयल गोरखा रेजिमेंट के जवान शामिल थे। इन सैनिकों ने सामरिक योजना निर्माण, संयुक्त कार्रवाई, मिशन प्लानिंग और ऑपरेशनल चर्चाओं के माध्यम से सामूहिक युद्ध कौशल का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।


ड्रोन तकनीक से आतंकवाद-रोधी रणनीति

इस अभ्यास की सबसे विशेष बात रही आतंकवादियों के काल्पनिक ठिकानों की पहचान के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग। सैनिकों ने मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) की सहायता से दुश्मन के ठिकानों की रियल-टाइम लोकेशन प्राप्त की और उन्हें सटीकता से ध्वस्त किया। यह अभ्यास भविष्य के आधुनिक युद्ध में ड्रोन एवं एआई आधारित तकनीक की भूमिका को स्पष्ट करता है।


स्वदेशी रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी ने खींचा ध्यान

समापन समारोह में आत्मनिर्भर भारत की भावना को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी हथियारों और रक्षा प्रणालियों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें भारतीय तकनीक से निर्मित आधुनिक हथियार, संचार प्रणालियाँ, निगरानी उपकरण और लड़ाकू सामग्री को प्रदर्शित किया गया, जिससे भारत की बढ़ती रक्षा उत्पादन क्षमता का परिचय मिला।


सांस्कृतिक मेल और विश्वास का पुल

अभ्यास के अंतिम दिन आयोजित समापन समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को सम्मानित किया गया। इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग, सौहार्द्र और आपसी विश्वास की भावना और अधिक मजबूत हुई। यह केवल सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों और दो परंपराओं के बीच समझ बढ़ाने का अवसर भी था।


दीर्घकालीन रक्षा संबंधों को नई ऊर्जा

‘अजेय वॉरियर-25’ ने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच गहरे और दीर्घकालीन रक्षा संबंधों में नई ऊर्जा भर दी है। दोनों देशों ने अभ्यास के माध्यम से यह संदेश दिया कि वे वैश्विक सुरक्षा, आतंकवाद-विरोधी अभियानों और सामरिक सहयोग के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को तैयार हैं। इस सैन्य अभ्यास ने न केवल वर्तमान संबंधों को सुदृढ़ किया, बल्कि भविष्य की सामरिक साझेदारी को भी मजबूत आधार प्रदान किया।

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