उत्तर प्रदेशटॉप न्यूजदिल्लीदेशभक्तिधार्मिकबड़ी खबरब्रेकिंग न्यूजराज्यराष्ट्रीयलखनऊसीतापुरसोनभद्र

नाटक ‘उर्मिला’ ने दिया कर्तव्यनिष्ठा, त्याग और धैर्य का संदेश

यायावर रंगमंडल की 40 दिवसीय कार्यशाला की प्रभावी प्रस्तुति

साब तक एक्सप्रेस।
विशेष संवाददाता — शैलेन्द्र यादव

लखनऊ। यायावर रंगमंडल द्वारा आयोजित चालीस दिवसीय अभिनय कार्यशाला का समापन नाट्य प्रस्तुति ‘उर्मिला’ के मंचन के साथ हुआ। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से तैयार यह नाटक 1 दिसंबर को कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली ऑडिटोरियम में मोहम्मद हफीज के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। नाटक में देवी उर्मिला के अप्रतिम त्याग, कर्तव्यनिष्ठा, धैर्य और आत्म-नियंत्रण को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया।

नाटक की शुरुआत मंगलाचरण और सूत्रधार के माध्यम से रामायण की कथा के संयोजन के साथ हुई। मानस की चौपाइयों, दोहों और भजनों का सुंदर तालमेल नाटक को आध्यात्मिक रंग प्रदान करता रहा। “वर्णानामर्थ संघानां…”, “रघुकुल रीत सदा चली आई” और “श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन” जैसे प्रसंगों ने दर्शकों को गहराई से जोड़ा।

प्रस्तुति में यह संदेश प्रमुख रूप से सामने आया कि देवी उर्मिला का त्याग माता सीता के त्याग से कम नहीं था। जहां माता सीता ने प्रभु राम के संग वनवास स्वीकार कर अपने धर्म का पालन किया, वहीं उर्मिला ने 14 वर्ष लक्ष्मण वियोग में रहकर तप और त्याग का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने राजवंश की वधु का दायित्व निभाते हुए अपने पतिव्रता धर्म का पूर्ण पालन किया।

नाटक में 18 से 65 वर्ष आयु तक के प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। मंच पर आशुतोष त्रिपाठी, शिवानी, मोनिका अग्रवाल, आन्या सिंह, माही बिष्ट, अमितेश श्रीवास्तव, अंकित कुमार, ईशान, अर्पित कुमार, शिवम गौतम, गरिमा यादव, गिरीश तिवारी, सोनू कुमार व अन्य कलाकारों ने उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों की सराहना बटोरी। नृत्य दल में प्रियम यादव, प्रगति गुप्ता, व्रति सक्सेना और दिलप्रीत कौर की प्रस्तुति भी प्रभावी रही।

नाटक की सफलता में प्रस्तुति नियंत्रक कीर्ति प्रकाश और सहायक संजय तिवारी का योगदान महत्वपूर्ण रहा। मंच व्यवस्था सुश्रुत गुप्ता, विनय गज्जर और अनूप सिंह ने संभाली।
वेशभूषा पुष्पलता, रूप सज्जा शहीर अहमद, मंच सामग्री गरिमा यादव व गिरीश तिवारी, मंच निर्माण मो. शकील, प्रचार-प्रसार सुश्रुत गुप्ता, प्रकाश सचिन मिश्रा और संगीत संकलन व संयोजन आदर्श कुमार, आद्या घोषाल व अंकित श्रीवास्तव द्वारा संभाले गए।

‘उर्मिला’ की इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए त्याग, कर्तव्य और मर्यादा का अनूठा संदेश दिया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!