ग्राम सचिवों ने काली पट्टी बांधकर शुरू किया प्रदेशव्यापी सांकेतिक आंदोलन

सब तक एक्सप्रेस | लखनऊ
केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के सभी विकास खंडों में ग्राम पंचायत सचिवों ने आज से काली पट्टी बांधकर प्रदेशव्यापी क्रमिक सांकेतिक शांतिपूर्ण सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया। यह आंदोलन ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली (फेशियल रिकॉग्निशन अटेंडेंस) और मूल विभागीय कार्यों के अलावा अन्य विभागों के अतिरिक्त बोझ के विरोध में किया जा रहा है।
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में उ.प्र. ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रदीप सिंह और ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुबाष चंद्र पांडेय ने बताया कि सचिवों से उनके निजी मोबाइल और सिम से उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश अव्यवहारिक और क्षेत्रीय कार्यों के बिल्कुल विपरीत है। इससे सचिवों में रोष और भय दोनों की स्थिति है।
नेताओं ने कहा कि वर्तमान में सचिवों पर गैर-विभागीय कार्यों का अत्यधिक बोझ है—
फार्मर रजिस्ट्री, एग्रो स्टैक सर्वे, गौशाला प्रबंधन, आयुष्मान कार्ड, फैमिली आईडी, पेंशन सत्यापन, ऑपरेशन कायाकल्प, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी, पराली प्रबंधन, सोलर पैनल लक्ष्य आदि के कारण वे अपना मूल पंचायत कार्य सुचारु रूप से नहीं कर पा रहे हैं और कई कर्मचारी तनाव व दुर्घटनाओं के शिकार भी हो रहे हैं।
समन्वय समिति के निर्णय के अनुसार—
📌 1–4 दिसंबर: सभी सचिव काली पट्टी लगाकर सांकेतिक विरोध
📌 5 दिसंबर: प्रदेश के 826 विकास खंडों में एक दिवसीय सत्याग्रह व मुख्यमंत्री को ज्ञापन
📌 इसके बाद सचिव अपने निजी मोबाइल से सभी शासकीय व्हाट्सएप समूहों से अलग हो जाएंगे
📌 10 दिसंबर: निजी वाहनों से सरकारी कार्य बंद
📌 15 दिसंबर: सभी सचिव अपने डोंगल विकासखंड कार्यालयों में जमा करेंगे
डॉ. प्रदीप सिंह ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो सचिव संपूर्ण कार्य बहिष्कार और अनवरत धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन–प्रशासन की होगी।
फिलहाल, सचिव 4 दिसंबर तक काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण सत्याग्रह के साथ अपने नियमित शासकीय कार्य जारी रखेंगे।



