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कहां गया भाजपा का फिशरमेन विजन डाक्यूमेंट्स?- लौटनराम निषाद

सब तक एक्सप्रेस | लखनऊ/अयोध्या

गोशाईंगंज विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी प्रभारी चौ. लौटनराम निषाद ने शनिवार को मया बाजार क्षेत्र के मैनपुर, गोकुलपुर, आलापुर केवटहिया, उनियार और तारगौहन (दानापुर, दिलाशीगंज) में जनसंपर्क किया। इस दौरान उन्होंने एसआईआर (Special Identification Register) की प्रगति को लेकर बीएलओ, बीएलए और बूथ–सेक्टर प्रभारियों से जानकारी ली और ग्रामीणों से समय पर सही ढंग से एसआईआर फॉर्म भरकर जमा करने की अपील की।

निषाद ने बताया कि एसआईआर फॉर्म में तीन कॉलम हैं—
• जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था, उन्हें कॉलम 1 और 2 भरना है।
• जिनका नाम 2003 के बाद जुड़ा है, वे कॉलम 1 और 3 भरेंगे।

उन्होंने कहा कि एसआईआर मताधिकार और नागरिकता से जुड़ा गंभीर विषय है, जो एनआरसी का बदला हुआ रूप है। फॉर्म न भरने वालों को मताधिकार, नागरिकता, राशन कार्ड और कई कल्याणकारी योजनाओं से वंचित होने का खतरा है।

भाजपा पर लगाया बड़ा आरोप

लौटनराम निषाद ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने 2012 के भाजपा घोषणापत्र और “फिशरमेन विजन डाक्यूमेंट्स” पर सवाल उठाते हुए पूछा कि मछुआरा समाज को दिए गए वादों का क्या हुआ?

उन्होंने कहा कि सपा सरकार में निषाद समाज को तालाब–झीलों का 10 वर्षीय मत्स्य पालन पट्टा, बालू–मोरम खनन का 3 वर्षीय पट्टा, 5 लाख का दुर्घटना बीमा, तथा 5 अप्रैल को निषादराज जयंती अवकाश जैसी योजनाएं मिली थीं, जिन्हें योगी सरकार ने खत्म कर दिया।

संजय निषाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नदियों की नीलामी और अतिपिछड़ी 17 जातियों को एससी आरक्षण से बाहर करने से भाजपा की नीयत साफ हो जाती है। उनका आरोप था कि निषाद पार्टी “सौदेबाज प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी” बनकर रह गई है, जबकि निषाद समाज का सम्मान सपा के साथ सुरक्षित है।

निषाद ने कहा कि 403 विधानसभा सीटों में पहली बार सपा ने निषाद समाज के बेटे को टिकट देकर सम्मान बढ़ाया है। भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि टेढ़ी बाजार स्थित एकलव्य छात्रावास पर कब्जा कर निषाद समाज के पारंपरिक अधिकार छीने गए और सिर्फ चौराहे का नाम बदलकर दिखावा किया गया।

जनसंपर्क में कई स्थानीय लोग शामिल

जनसंपर्क अभियान में जगन्नाथ पाल, विजय बहादुर वर्मा, रामबचन सैनी, महेश निषाद, दुखीलाल यादव, घनश्याम निषाद, सुरेंद्र कुमार मांझी, जयप्रकाश यादव, तुलसीराम मौर्य और दिनेश गौड़ सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

निषाद ने अंत में निर्वाचन आयोग से एसआईआर जमा करने की अवधि कम से कम एक माह बढ़ाने की मांग भी की।

 

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