उत्तर प्रदेश

यूपी में ड्राइव‍िंग लाइसेंस बनवाने के न‍ियमों में बड़ा बदलाव, जरा सी चूक से खाली हाथ लौटना पड़ेगा वापस 

आप वाहन चला लेते हैं यह मान लेने पर अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) नहीं बनेगा। परमानेंट डीएल के लिए ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के एट ट्रैक (आठ अंक की डिजाइन) को संबंधित वाहन से तय समय में पार करना होगा। बाइक-कार को 3.25 मिनट का समय मिलेगा। जरा सी चूक पर सेंसर बीप करेगा और आपकी हरकत कैमरे में कैद होने पर खाली हाथ वापस लौटना पड़ेगा।

 आप वाहन चला लेते हैं यह मान लेने पर अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) नहीं बनेगा। परमानेंट डीएल के लिए ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के एट ट्रैक (आठ अंक की डिजाइन) को संबंधित वाहन से तय समय में पार करना होगा। बाइक-कार को 3.25 मिनट का समय मिलेगा। जरा सी चूक पर सेंसर बीप करेगा और आपकी हरकत कैमरे में कैद होने पर खाली हाथ वापस लौटना पड़ेगा।

ड्राइविंग सीखने व रोड सिंबल्स की जानकारी पाने का भी यहां प्रबंध है। यह सब इसीलिए किया गया, ताकि लोगों को बेहतर ड्राइवर बनाकर सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।

घर बैठे लर्नर लाइसेंस बनवाने वालों को सचेत करने वाली खबर है। जुगाड़ से परमानेंट डीएल बनवाने की परिपाटी राजधानी में बदलने जा रही। नए साल में परमानेंट डीएल का ऑनलाइन स्लॉट बुक कराने वालों को पहले ट्रांसपोर्ट नगर या देवा रोड एआरटीओ कार्यालय जाना होगा।

आवेदन पत्र की स्क्रूटनी व बायोमीट्रिक कराने के बाद आवेदक को उदेत खेड़ा मौंदा की राह पकड़नी होगी, जहां केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन पर ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनकर तैयार हो गया है। ट्रांसपोर्ट नगर से नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया होकर सेंटर 12 व कानपुर रोड किसान पथ से 20 किलोमीटर की दूरी पर है।

आवेदक को टोकन काउंटर पर अपना बुकिंग स्लाट का प्रपत्र देना होगा, वहां उसकी फोटो खींचकर हस्ताक्षर आदि की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कार या ट्रक का डीएल चाहते हैं तो सिम्युलेटर पर पांच मिनट का प्रशिक्षण मिलेगा। सिम्युलेटर ठीक वैसे ही है जैसे मोबाइल या लैपटाप आदि पर कार-बाइक दौड़ाने का खेल खेलते हैं।

इसमें यह सिखाया जाता है कि भले ही आभासी दुनिया में वाहन चला रहे हों लेकिन, रफ्तार नियंत्रित रखकर ट्रैफिक के नियमों का पालन जरूर करें। इसे सफलतापूर्वक चला लेने पर आवेदक को संबंधित वाहन के आटोमेटिक ट्रैक पर जाना होगा।

ट्रैक पर प्रवेश के लिए सेंसर गेट और चार पहिया व ट्रक के लिए ट्रैक एक साथ बना है, वहीं दोपहिया का अलग है। दोपहिया, चार पहिया व ट्रक के डीएल आवेदक को यह ट्रैक पार करना होगा। कार की पैरलल पार्किंग, ग्रेडिएंट यानी चढ़ाई व रिवर्स करने के लिए 45-45 सेकंड का समय मिलेगा। इसी तरह से ट्रक के आवेदक को पैरलल पार्किंग के लिए 60, ग्रेडिएंट के लिए 45 व रिवर्स के लिए 75 सेकंड का समय दिया जाएगा। पूरे ट्रैक पर जगह-जगह सेंसर व ऊंचाई पर कैमरे लगे हैं। आवेदकों को तीन से चार मिनट में वाहन ट्रैक से पार कराना है। गलती पर सेंसर बीप करेगा कैमरे में गड़बड़ी कैद होगी। ऐसे लोगों का डीएल नहीं बनेगा।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगे कोनोकार्पस पेड़

अत्याधुनिक केंद्र पर वाहनों की आवाजाही से प्रदूषण होना तय है। परिसर में कोनोकार्पस उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले व तेजी से बढ़ने वाले सदाबहार पेड़ लगे हैं। इससे हरियाली रहने के साथ प्रदूषण नियंत्रण होता है, क्योंकि यह पेड़ धूल और प्रदूषकों को सोखता है।

अभी तक मैनुअल हो रहा था टेस्ट

ट्रांसपोर्ट नगर व देवा रोड पर अभी तक डीएल आवेदकों का मैनुअल टेस्ट हो रहा था, इसमें नियमों की अनदेखी होने की शिकायतें रही हैँ। एआरटीओ प्रशासन प्रदीप कुमार सिंह ने बताया, अत्याधुनिक ड्राइविंग सेंटर में टेस्ट के लिए आवेदक से फीस नहीं ली जाएगी। यह जरूर है कि आवेदक संबंधित केंद्र पर सड़क नियमों की फीस देकर पढ़ाई कर सकते हैं। कोर्स का मूल्य तय है इससे टेस्ट पास करने में आसानी होगी।

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