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शिवद्वार धाम में हजारों कांवरियों ने किया जलाभिषेक, आस्था का महा जनसैलाब उमड़ा

घोरावल, सोनभद्र,राम अनुज धर द्विवेदी

सावन माह के तीसरे सोमवार को जिले के घोरावल तहसील स्थित शिवद्वार धाम में उमा महेश्वर के जलाभिषेक के लिए लाखों कांवरियों का आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से लेकर देर रात तक कांवरियों ने मंदिर में जलाभिषेक किया और भगवान शिव की पूजा अर्चना की।

कांवरियों की भारी भीड़ को देखते हुए जलाभिषेक के लिए लगभग 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही, जिसमें कांवरियों को जलाभिषेक के लिए तीन से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान पूरा क्षेत्र हर हर महादेव और बोल बम के जयकारों से गूंज उठा।

हालांकि, इस धार्मिक उत्सव के दौरान जिला प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली। ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई, जिसके कारण कांवरियों और नागरिकों को कई घंटे तक सड़क जाम का सामना करना पड़ा। 70 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद शिवद्वार तक पहुंचने वाले कांवरियों को जलाभिषेक में घंटों की प्रतीक्षा करनी पड़ी।

कांवर यात्रा के इस दौरान पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में भी कई समस्याएं उभरीं। जबकि अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी शिवद्वार में उपस्थित रहे, मंदिर परिसर में गंदगी और कीचड़ का सामना करना पड़ा। पुलिस क्षेत्राधिकारी राहुल पांडे और अन्य अधिकारियों ने व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया, लेकिन ट्रैफिक और सफाई व्यवस्था पर सवाल उठते रहे।

प्रधान पुजारी सुरेश गिरी ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक लगभग डेढ़ लाख लोगों ने दर्शन और पूजा की। मंदिर में जलाभिषेक का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। कांवरियों की सहायता के लिए स्थानीय सामाजिक संगठनों द्वारा भोजन, जलपान और चिकित्सा व्यवस्था की गई, और घोरावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने मंदिर परिसर में चिकित्सा स्टॉल लगाकर कांवरियों की सेवा की।

कांवर यात्रा में मिर्जापुर से आए बंगाली कलाकारों द्वारा उमा महेश्वर का विशेष श्रृंगार आकर्षण का केंद्र रहा। 2000 धवल वस्त्रधारी डाक बमों को जलाभिषेक के लिए मंदिर परिसर में विशेष स्थान दिया गया। कांवर यात्रा के इस पर्व में सीमावर्ती मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों कांवरिए पहुंचे।

शाम तक 2 लाख लोगों के दर्शन करने की संभावना जताई गई। कांवर यात्रा के दौरान भक्ति गीतों पर झांकियां और डीजे के साथ कांवरियों का उत्साह दोगुना हो गया। यह दिन शिवभक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण बनकर उभरा।

 

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