रामलीला मैदान में मनाई गई तुलसीदास जयंती, तीन विभूतियों को किया गया सम्मानित

सोनभद्र | सब तक एक्सप्रेस
सोनभद्र नगर के रामलीला मैदान सभागार में गुरुवार को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय संचेतना समिति और गुप्त काशी विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस मौके पर साहित्य, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले तीन व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई जिसे काशी कथा न्यास के संस्थापक डॉ. अवधेश दीक्षित ने दिया। उन्होंने कहा कि गुप्तकाशी की धरती से तुलसी जयंती की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है।
- मुख्य अतिथि प्रो. प्रभाकर सिंह (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) ने संगोष्ठी में कहा कि तुलसीदास जी ने अपने साहित्य में मुगल शासन के समय की सामाजिक और आर्थिक दुर्दशा को उजागर किया। उन्होंने बताया कि ‘कवितावली’ में किसानों की स्थिति और आम जनमानस की पीड़ा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अभिजीत कुमार (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र) ने कहा कि तुलसीदास का साहित्य समाज के हर वर्ग के कल्याण का संदेश देता है। वहीं, डॉ. अमित कुमार पांडे ने तुलसीदास के साहित्य में समन्वय की भावना को रेखांकित किया।
गुप्तकाशी विकास परिषद के अध्यक्ष आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि तुलसीदास ने समाज में समरसता और समानता की भावना को बढ़ावा दिया। उन्होंने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रस्तुत कर समाज को आचरण की दिशा दिखाई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पं. पारसनाथ मिश्र ने तुलसीदास को “लोकमंगल का लोकनायक” बताया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है बल्कि सामाजिक सुधार का भी माध्यम है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यपाल जैन ने की और संचालन जगदीश पंथी (राष्ट्रीय संचेतना समिति) ने किया। उन्होंने कहा कि तुलसी साहित्य समाज को जोड़ने और जागरूक करने का कार्य करता है।
सम्मान समारोह में दिया गया ‘तुलसी सम्मान’
इस अवसर पर तीन लोगों को सम्मानित किया गया –
- राष्ट्रीय भोजपुरी कवि सिपाही पांडे ‘मनमौजी’ को तुलसी सम्मान
- श्रीमती विमला देवी (सेवानिवृत्त अध्यापिका) को सरस्वती श्री सम्मान
- अजय कुमार चतुर्वेदी ‘कक्का’ को दयाराम पांडे स्मृति सम्मान
इस मौके पर बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी, शिक्षक, बुद्धिजीवी और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में यह भी घोषणा की गई कि गुप्तकाशी विकास परिषद, काशी कथा न्यास और राष्ट्रीय संचेतना समिति पूरे वर्ष जिलेभर में रामचरितमानस की प्रतियां वितरित करेंगे।