गोंडा में मासूम बच्चा होटल पर करता मिला काम, बाल श्रम कानून पर उठे सवाल

रिपोर्ट – स्वामी प्रसाद मौर्य, सब तक एक्सप्रेस, गोंडा (उत्तर प्रदेश)
गोंडा जिले के तहसील कर्नलगंज के थाना कटरा बाजार क्षेत्र के पहाड़ापुर गांव से एक चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां एक छोटे बच्चे को होटल पर काम करते हुए देखा गया। उसकी उम्र लगभग 10 से 12 साल के बीच बताई जा रही है।
बच्चा होटल पर चाय पहुंचा रहा था और बर्तन धोता भी नजर आया। उसे देखकर किसी को भी दुख हो सकता है क्योंकि यह उम्र तो खेलने-कूदने और स्कूल जाने की होती है, न कि काम करने की।
भारत में बाल श्रम पर रोक है और 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम करवाना कानूनन अपराध है। फिर भी कई जगहों पर ऐसे नजारे आम होते जा रहे हैं।
क्यों करते हैं बच्चे काम?
जानकारों का मानना है कि गरीबी और मजबूरी के कारण ही ऐसे मासूम बच्चों को काम पर भेजा जाता है। कुछ मामलों में अभिभावक भी अनजान होते हैं कि यह गैरकानूनी है।
जिम्मेदार कौन?
इस मामले में न सिर्फ होटल मालिक दोषी है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही भी सामने आती है। अगर समय-समय पर जांच होती, तो शायद यह बच्चा स्कूल में होता, होटल पर नहीं।
क्या होना चाहिए?
- प्रशासन को ऐसे मामलों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
- होटल मालिक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
- बच्चे को शिक्षा और पुनर्वास की सुविधा मिलनी चाहिए।
इस मासूम की कहानी समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर रही है – क्या हम वाकई हर बच्चे को शिक्षा और बचपन का हक दे पा रहे हैं?
सब तक एक्सप्रेस की ओर से प्रशासन से अपील है कि ऐसे बच्चों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।