गन्ना पर्यवेक्षक संघ ने डिजिटल फसल सर्वे को लेकर जताई चिंता, परिषद महामंत्री अतुल मिश्रा से की मुलाकात

लखनऊ, सब तक एक्सप्रेस।
उत्तर प्रदेश गन्ना पर्यवेक्षक संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने बुधवार को परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा से भेंट की और आगामी डिजिटल फसल सर्वे से जुड़ी चिंताओं को साझा किया।
संघ के महामंत्री अमित सिंह ने बताया कि गन्ना पर्यवेक्षक विभाग में किसानों की उन्नति और गन्ना उत्पादन से लेकर मिल तक पहुंचाने के हर स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों पर पहले से ही कार्यभार अधिक है, फिर भी सर्वे, सत्यापन, बीज वितरण, महिला समूह गठन, डीबीटी और अन्य तमाम योजनाओं को वे कुशलता से निभा रहे हैं।
संघ अध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने कहा कि पहले तक फसल की खसरा पड़ताल का कार्य राजस्व विभाग द्वारा लेखपालों से कराया जाता था। लेकिन अब शासन द्वारा जारी नवीन आदेशों के तहत यह कार्य लेखपालों की जगह पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, कृषि विभाग के संविदा कर्मी और गन्ना पर्यवेक्षक जैसे अन्य विभागीय कर्मियों से कराए जाने की तैयारी है।
पदाधिकारियों का कहना है कि आयोग से चयनित उच्च शिक्षित व तकनीकी योग्यता रखने वाले गन्ना पर्यवेक्षकों से यह कार्य कराना न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायसंगत।
महामंत्री अतुल मिश्रा ने पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि यदि लेखपालों को इस कार्य से मुक्त किया जा रहा है और प्राइवेट सर्वेयर नियुक्त हो रहे हैं, तो गन्ना पर्यवेक्षक संवर्ग को भी इस कार्य से मुक्त रखा जाए, जिससे कर्मचारियों व विभागों में टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो।
मिश्रा ने यह भी मांग की कि शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद संगठन के पदाधिकारियों से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संवाद नहीं किया जा रहा है, जिससे समस्याएं सीधे शीर्ष स्तर तक पहुंच रही हैं। इस पर भी शीघ्र ध्यान देने की जरूरत है।
(रिपोर्ट: सब तक एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ)