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उदयपुर में आयोजित हुआ 16वां राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन

सलिला संस्था एवं राजस्थान साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में हुआ भव्य आयोजन

उदयपुर। साहित्य और संस्कृति को समर्पित सलिला संस्था एवं राजस्थान साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को प्रसार शिक्षा निदेशालय सभागार में 16वां राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन भव्य रूप से आयोजित हुआ।

कार्यक्रम के “उद्घाटन, लोकार्पण एवं सम्मान” सत्र की अध्यक्षता प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में नंदन पत्रिका की संपादक एवं हिंदुस्तान समूह की एक्जीक्यूटिव एडिटर जयंती रंगनाथन रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. सतीश कुमार, श्याम पलट पांडेय और कुमुद वर्मा मंचासीन रहे। कार्यक्रम की संयोजक एवं संस्था अध्यक्षा डॉ. विमला भंडारी थीं।

मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से शुभारंभ हुए इस सम्मेलन में स्वागत गीत मधु माहेश्वरी और बालगीत पाखी जैन ने प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर डॉ. विमला भंडारी की पुस्तक “अमेरिका से मुलाकात” और उनके संपादन में प्रकाशित “सलिल प्रवाह” पत्रिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा—
“आपके अंदर का बच्चा ही आपको जीवन्त रखता है, बाल साहित्य और बाल गीत इसका श्रेष्ठ माध्यम हैं। राष्ट्रभाषा और संस्कृत के संवर्धन की दिशा में सभी को योगदान देना चाहिए।”

मुख्य अतिथि जयंती रंगनाथन ने “बालगीत और बालमन का अंतर्संबंध” विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि—
“आज बच्चों को बालगीतों के माध्यम से आकर्षित कर मोबाइल की लत से मुक्त करना समय की आवश्यकता है।”

सम्मान समारोह

सम्मेलन में कई साहित्यकारों को सम्मानित किया गया—

  • सलिला शिखर सम्मान : डॉ. संजीव कुमार
  • सलिला विशिष्ट साहित्यकार सम्मान : डॉ. सूरजसिंह नेगी एवं डॉ. मीना सिरोला
  • सलिला साहित्य रत्न सम्मान : जीशान हैदर जैदी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मीनू त्रिपाठी एवं डॉ. प्रभात सिंघल

सम्मानित साहित्यकारों को अभिनंदन पत्र, शॉल, उपरना, नकद राशि एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

बाल साहित्य विमोचन की श्रृंखला

सम्मेलन में एक साथ 12 बाल साहित्य पुस्तकों का विमोचन हुआ। इनमें प्रमुख—

  • छह अंकों का जादू, कहानी वाला शंख, गीत सुहाने बचपन के (डॉ. विमला भंडारी)
  • नाचें खेलें मौज करें हम, खेल रहा अभिनव बूंदों संग (श्याम पलट पांडेय)
  • बच्चों की किलकारी सुन ली (डॉ. राजगोपाल राज)
  • बूझ सहेली मेरी पहेली (प्रकाश तातेड़)
  • भावों की सरिता (मधु माहेश्वरी)
  • दी अंडर लाइन बाल कहानी विशेषांक
  • बल्ब वर्ल्ड चिल्ड्रन मैगजीन

इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकार, शिक्षाविद् और साहित्यप्रेमी मौजूद रहे, जिनमें जगदीश भंडारी, डॉ. विमल शर्मा, मधु माहेश्वरी, मुकेश राव, शांतिलाल शर्मा, मनीला पोरवाल, कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, यशपाल शर्मा, प्रकाश नेभनानी, डॉ. फहीम अहमद, बलबीर सिंह, अनीता गंगाधर शर्मा, आचार्य नरेंद्र शास्त्री, चक्रधर शुक्ल समेत कई विद्वान शामिल थे।

 

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