लेखपालों व राजस्व निरीक्षकों की तैनाती अब नियमों के अनुसार, शासन ने जारी किया आदेश

सब तक एक्सप्रेस | लखनऊ
राज्य सरकार ने लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों की तैनाती और स्थानांतरण व्यवस्था को लेकर बड़ा कदम उठाया है। शासन ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब किसी भी लेखपाल या राजस्व निरीक्षक की तैनाती उनके गृह जनपद के विकासखंड क्षेत्र में नहीं की जाएगी।
प्रमुख सचिव राजस्व की ओर से जारी पत्र में 28 मार्च 1989 और 21 जून 2004 के शासनादेशों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन नियमों का कड़ाई से पालन अनिवार्य होगा। आदेश के मुताबिक—
- कोई भी लेखपाल एक ही लेखपाल क्षेत्र में अधिकतम 3 वर्ष और एक ही तहसील क्षेत्र में अधिकतम 10 वर्ष तक ही तैनात रह सकेगा।
- इसी प्रकार, राजस्व निरीक्षक भी किसी एक तहसील में 3 वर्ष से अधिक पदस्थ नहीं रहेंगे।
पत्र में यह भी कहा गया है कि कुछ जिलों में अब तक इन व्यवस्थाओं का पालन नहीं हुआ और अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके गृह विकासखंडों में ही तैनात किया जाता रहा। इसे नियमविरुद्ध मानते हुए शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि 10 सितंबर 2025 तक इस व्यवस्था का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।
सरकार ने चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि किसी भी स्तर पर गृह जनपद या गृह विकासखंड में तैनाती पाई जाती है तो इसे प्रत्यक्ष रूप से नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई तय होगी।
👉 कुल मिलाकर, सरकार ने साफ कर दिया है कि लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों की तैनाती अब केवल नियमानुसार ही होगी और गृह जनपद में नियुक्ति पर पूरी तरह रोक रहेगी।