पूर्वांचल में गंगा का कहर
काशी में बढ़ा जलस्तर, रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

✍ संवाददाता – सब तक एक्सप्रेस
वाराणसी। पूर्वांचल में गंगा एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर चुकी है। काशी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर अब खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। घाटों पर पानी भरने से तर्पण करने वाले लोग सड़कों और गलियों में बैठकर अनुष्ठान करने को मजबूर हैं। वहीं, रिहायशी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुसने लगा है।
सोमवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता हुआ दर्ज किया गया। इस वर्ष चौथी बार गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो चुके हैं, जबकि वरुणा किनारे आठ मोहल्लों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। प्रभावित परिवारों की मदद के लिए सात राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें 600 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं।
बलिया में स्कूल और सड़कें डूबीं
गंगा खतरे के निशान से ऊपर, लोगों की बढ़ी मुश्किलें
बलिया। जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के बिंदु 57.615 मीटर से 1.18 मीटर ऊपर पहुंच गया है। यहां गंगा का पानी लगभग 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। नतीजतन, कई गांवों के स्कूल और सड़कें पानी में डूब गई हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
गाजीपुर और चंदौली में भीषण हालात
बलुआ घाट का शवदाह स्थल डूबा, मिर्जापुर-भदोही में सबसे तेज बढ़ रहा जलस्तर
गाजीपुर और चंदौली के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चंदौली के बलुआ घाट की सभी सीढ़ियां और शवदाह स्थल पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। वहीं, मिर्जापुर और भदोही में गंगा का जलस्तर सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है।
ढाबा वासियों की चिंता फिर बढ़ी
नाव से पार करने में खतरा, कटान की आशंका
गंगा के बढ़ते जलस्तर से ढाबा क्षेत्रों के लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। अम्बा से मोकलपुर घाट के बीच नाव से आरपार करने वालों को तेज लहरों से डर लग रहा है। स्थानीय निवासियों संजय सोनकर, राजकुमार यादव, दलसिंगार यादव, अनमोल सिंह और निर्मला देवी का कहना है कि यदि जलस्तर घटा तो तेज लहरों की टकराहट से फिर कटान शुरू हो सकता है।