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सुल्तानपुर में सियासी संग्राम

भद्र बंधुओं ने भाजपा विधायक पर लगाया जान का खतरे का आरोप, डेढ़ दशक पुरानी दुश्मनी बनी वजह

✍ संवाददाता – सब तक एक्सप्रेस

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों सुल्तानपुर सुर्खियों में है। यहां सदर से भाजपा विधायक विनोद सिंह और सपा के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह (सोनू सिंह) व उनके भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह (मोनू सिंह) के बीच चल रही सियासी जंग ने पूरे प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। दोनों पक्षों की दुश्मनी कोई नई नहीं, बल्कि पिछले डेढ़ दशक से चली आ रही है।


अयोध्या कचहरी परिसर से उठी चिंगारी

हाल ही में अयोध्या कचहरी परिसर में चेकिंग के दौरान एक बैग से दो अवैध असलहे और कारतूस बरामद हुए। उसी दिन मोनू सिंह की गवाही होनी थी, लेकिन असलहे मिलने की घटना के बाद उन्होंने पेशी पर नहीं जाने का फैसला लिया। मोनू का कहना है कि 2014 में भी कचहरी में उन पर जानलेवा हमला हो चुका है, इसलिए उन्हें दोबारा खतरे की आशंका है।


पुराना मुकदमा फिर बना विवाद का कारण

2014 के हमले के मामले में भाजपा विधायक विनोद सिंह और पूर्व ग्राम प्रधान कमला देवी आरोपी बनाए गए थे। पुलिस ने 2020-21 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। हाल ही में अयोध्या कोर्ट ने मोनू सिंह की याचिका पर दोबारा वारंट जारी किया। मोनू का आरोप है कि विधायक विनोद सिंह हमलावरों से संपर्क में थे। इसी डर से उन्होंने कोर्ट में पेशी पर जाने से इंकार कर दिया।


मूर्ति विवाद से बढ़ी खटास

मामले को और तूल तब मिला जब विधायक विनोद सिंह ने दिवंगत पूर्व विधायक इंद्रभद्र सिंह (सोनू और मोनू के पिता) की मूर्ति हटाने के लिए डीएम को पत्र लिखा। इस पर भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने विरोध जताते हुए डीएम को पत्र भेजा। नाराज विधायक विनोद सिंह ने एमएलसी की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर दी।


बढ़ती राजनीतिक तकरार

सोनू-मोनू सिंह और विनोद सिंह के बीच की पुरानी रार अब एक बार फिर सामने आ गई है। स्थानीय राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह विवाद सिर्फ सुल्तानपुर तक सीमित नहीं, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी असर डाल सकता है।


 

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