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“पेड़ हैं तो प्राण है” अभियान: नगवा डैम का नाम ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर जलाशय’ रखने की उठी मांग”

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट: सतीश पाण्डेय, सब तक एक्सप्रेस

सोनभद्र।
“पेड़ हैं तो प्राण हैं” अभियान के तहत शनिवार को नगवा डैम और नगवा गाँव में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। अभियान के संयोजक संदीप मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि नगवा डैम का नाम बदलकर “भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जलाशय” रखा जाना चाहिए।

ग्रामीणों, आदिवासी, गिरिवासी और नौजवान साथियों ने भी इस मांग का समर्थन किया और कहा कि यह डैम चकिया के चंद्रप्रभा, धधरौरल डैम और चतरा-नगवा के किसानों को बराबर पानी उपलब्ध कराता है, इसलिए इसे बाबा साहब के नाम से जोड़ना न्यायोचित होगा। साथ ही उन्होंने प्रशासन से डैम परिसर में बाबा साहब का स्मारक बनाने की मांग की। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि यदि प्रशासन स्मारक नहीं बनवाता तो वे स्वयं जमीन उपलब्ध कर स्मारक निर्माण करेंगे।

संदीप मिश्रा ने कार्यक्रम के दौरान नौजवानों को सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्यों और परिवार की एकता पर भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान अब केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जागरूकता और नागरिकता बोध को बढ़ाने का भी माध्यम बन गया है।

कार्यक्रम में संदीप प्रजापति, राजकुमार खरवार, राजेश पनिका, विजय विंद, संजय बियार, शुभम पासवान, शिवम सिंह, नंदू बिंद, बादल बिंद, आकाश चौहान, विजय चौहान, नारद चेरो, दिनेश चेरो, महिपत गोड़, अमित गुर्जर, मोनू विश्वकर्मा, रामलाल जाटव, रामपति खरवार, बबलू चेरो, राज कनौजिया, सलमान अली, रामूरत धागर, पप्पू धानगर समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

इस दौरान लोगों को पौधे भी वितरित किए गए और उन्हें पेड़ लगाने व उनकी सुरक्षा का संकल्प दिलाया गया।

 

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